
गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री और जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ननकीराम कंवर ने वन विभाग के अधिकारियों पर विधानसभा को गुमराह करने का आरोप लगाया है । मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की मजदूरी भुगतान और प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि में कटौती को लेकर कंवर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित पत्र में उक्ताशय का आरोप लगाया है । उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उनके द्वारा वन विभाग में मजदूरी भुगतान नहीं होने को लेकर शासन को कई बार पत्र लिखा गया । आगे चलकर विधानसभा के बजट सत्र में उन्होंने वन विभाग में मनरेगा की मजदूरी का भुगतान नहीं होने को लेकर प्रश्न किया । वन विभाग के अधिकारियों ने कूट रचित दस्तावेज प्रस्तुत कर विधानसभा में जानकारी दी और मजदूरी का भुगतान कर देना बताया । वन विभाग ने जिस व्यक्ति को भुगतान होना बताया वह व्यक्ति संबंधित गांव में रहता ही नहीं। श्री कंवर ने कहा है कि इस तरह वन विभाग के अधिकारियों ने भारी अनियमितता की है ।
उन्होंने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि जिले के करतला ब्लॉक अंतर्गत केरवा द्वारी गांव में मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य कराया गया है । इस कार्य के मजदूरों की मजदूरी का भुगतान 1 साल बाद भी नहीं किया गया है । उन्होंने इस ओर भी शासन और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन अब तक मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस तरह शासन प्रशासन मनरेगा की राशि का दुरुपयोग कर मौज मस्ती कर रहे हैं । ननकीराम कंवर ने पीएम को अवगत कराया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पहले 35 हजार रुपए प्रथम किस्त में दिए जाते थे जिसे वर्तमान सरकार ने घटाकर 25 हजार रुपए कर दिया है । उन्होंने मनरेगा के मजदूरों की लंबित मजदूरी का भुगतान करने और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किस्त की राशि पूर्ववत 35 हजार रुपये रखने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को निर्देशित करने की मांग प्रधानमंत्री से की है ।