छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित मिनी जू कानन पेंडारी में एक दरियाई घोड़े की मौत हो गई । हिप्पो की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है । लिहाजा वन विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं । हिप्पो की मौत होने के बाद उसके पोस्टमार्टम तक विभागीय अधिकारियों ने मीडिया से तकरीबन 24 घंटों तक कोई चर्चा नहीं की । सूत्रों की मानें तो दरियाई घोड़े की मौत बड़े हुए तापमान और पानी की कमी की वजह से हुई है । बताया जाता है कि दरियाई घोड़े को दूसरे सिमेंटेड तलाब में रखा गया था । जहां पानी कम और तापमान ज्यादा था । तालाब की सफाई करने के लिए हटाया गया था दरियाई घोड़ा । पूरे मामले में विभागीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं जल्द ही इस मामले में राजधानी रायपुर से जांच दल आने वाली है पोस्टमार्टम रिपोर्ट वस्तु स्थिति का निरीक्षण कर दोषियों पर कार्यवाही किए जाने की तैयारी है |
जानकारी के मुताबिक, 22 साल के हिप्पोपोटामस को दिल्ली जु से लाया गया था | गौरतलब है कि इसके पहले भी कानन पेंडारी में चीतल सहित कई वन्य जीवों की मौत हो चुकी है | जांच के नाम पर हर बार विभाग में खानापूर्ति होती है | सूत्रों के मुताबिक रख-रखाव में लापरवाही के कारण हिप्पोपोटामस की मौत हुई है |