शिक्षा के नाम पर सरकार के कई दावों को खोखला साबित हो रही है | लगतार छात्र छात्राए की खुदकुशी के मामले बढ़ रहे है | भारत में हर घंटे एक छात्र आत्महत्या कर रहा है | समस्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन उनकी मदद के लिए प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं | 130 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 5000 मनोचिकित्सक हैं | भारत में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं | केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 55 मिनट में एक छात्र अपनी जान दे देता है |आखिर छात्रों की आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ने की वजह क्या है ? विशेषज्ञों का कहना है कि पढ़ाई के लगातार बढ़ते दबाव और प्रतिद्वंद्विता की वजह से ज्यादातार छात्र मानसिक अवसाद से गुजरने लगते हैं | इनमें से कई छात्र आत्महत्या की आसान राह चुन लेते हैं | रिपोर्ट में कहा गया है कि एक चौथाई छात्रों के मामले में परीक्षा में नाकामी प्रमुख वजह थी | इसके अलावा प्रेम में नाकामी, उच्च-शिक्षा के मामले में आर्थिक समस्या, बेहतर रिजल्ट के बावजूद प्लेसमेंट नहीं मिलना और विभिन्न क्षेत्रों में लगातार घटती नौकरियां भी छात्रों की आत्महत्या की प्रमुख वजह के तौर पर सामने आई हैं | घरवालों का दबाव और उनकी उम्मीदों का बोझ भी छात्रों की परेशानी की वजह बन रहा है |
दो स्कूली छात्र ने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है | घट्न अलग अलग जिले की है | पहला मामला जगदलपुर की है जहा आड़ावाल में स्थित आदेश्वर अकादमी निजी स्कूल में कक्षा नवमी के छात्र ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली | छात्र यहां हॉस्टल में रहकर छात्र पढ़ाई कर रहा था | ख़ुदकुशी का कारण अज्ञात बताया जा रहा है | छात्र का नाम 14 वर्षीय ज्ञान डी प्रकाश बताया जा रहा है और वह जगदलपुर के हाट कचोरा का रहने वाला था | बताया जा रहा है कि हॉस्टल में सुबह सारे बच्चे मॉर्निंग वॉक करने गए हुए थे, लेकिन जॉन डी प्रकाश ग्राउंड में नहीं पहुंचा | जब छात्रावास अधीक्षक ने छात्र को मैदान में नहीं पाया तो छात्र उसे ढ़ूंढ़ने उसके कमरे पर गए | लेकिन वो वहां भी नहीं था | जिसके बाद खोजबीन की गई कुछ देर बाद उसकी लाश हॉस्टल की दूसरी मंजिल के 5 नंबर कमरे में छात्र पंखे से लटकते हुए मिला | सुचना पर पहुंची पुलिस ने लाश का मुआना करने के बाद पसटमार्टम के लिए भेज दिया है | वही छात्र के परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई है | बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है |
दूसरा मामला धरसींवा के समीप ग्राम देवरी की है | जहां बारहवीं की छात्र ने गरीबी से तंग आकर खुदखुशी कर ली । जानकारी के अनुसार 18 वर्षीय गणेश राम देवांगन अपने कमरे में फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली । मृतक गणेश ने अपने हाथ की कलाई पर अपनी मां को अपना ख्याल रखने को कहा और हथेली पर लिखा कि वह आगे और पढ़ना चाहता था । लेकिन गरीबी की वजह से वह पढ़ नही पा रहा था इसलिए उसने आत्महत्या का रास्ता चुना । छात्र की मां शारीरिक रूप से कमजोर है इसलिए उसे काम पर जाना पड़ता था । वह महीने में 15 दिन मजदूरी करता था और 15 दिन स्कूल जाता था जिसकी वजह से सही तरीके से उसकी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी ।