डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता की खासम-खास रेखा नायर की जान पर खतरा मंडरा रहा है | अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता अपने कारनामो का खुलासा होने से बचने के लिए उसकी जान तक ले सकता है | अभी तक पुलिस यह पता नहीं कर पाई है कि रेखा नायर आखिर कहां है , और किसके कब्जे में है | मुकेश गुप्ता के कई गैर-कानूनी गोरखधंधो की राजदार रेखा नायर कई नोटिसों के बावजूद ना तो पुलिस मुख्यायलय में अपनी आमद दर्ज कर रही है और ना ही जांच संबधी नोटिसों को तामिल कर रही है | बताया जाता है कि बीते तीन सालो से वो बिना काम किए पूरा सरकारी वेतन प्राप्त कर रही है | यह वेतन स्टेट बैंक में खोले गए उसके खाते में हर माह जमा हो रहा है | पुलिस मुख्यायलय ने रेखा नायर की अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर उन्हें तुरंत अपनी आमद दर्ज कराने का निर्देश दिया है | लेकिन वो किसी भी सरकारी पत्र का जवाब पेश नहीं कर रही है |
बताया जाता है कि तीन साल पहले रेखा नायर की इसी कुख्यात डीजीपी मुकेश गुप्ता ने अवकाश स्वीकृत की थी | इसके बाद उसने रायपुर के DPS स्कूल में अध्यनरत उसके पुत्र की पढाई लिखाई बंद करवा कर मां बेटे को केरल के केल्लम स्थित एक बंगले में शिफ्ट कर दिया था | इसके बाद आरोपी मुकेश गुप्ता ने देश के कई इलाको में रेखा नायर और उसके परिजनों के नाम से करोडो की बेनामी संपत्ति खरीदी थी | बीजेपी सरकार के सत्ता से हटने के बाद रेखा नायर और उसके परिजनों के नाम से नई चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज नहीं मिले है | इससे पता चलता है कि पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता ने अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सिर्फ काली कमाई पर जोर दिया था |
अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अपनी पोल खुलने से पहले मुकेश गुप्ता अपनी राजदार रेखा नायर की हत्या भी करवा सकता है | गौरतलब है कि मिक्की मेहता के परिजन अपनी बेटी की हत्या का आरोप भी मुकेश गुप्ता पर लगा रहे है | मिक्की मेहता के परिजनों ने पुलिस से लेकर अदालत तक गुहार लगाई है कि मिक्की मेहता की आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हुई थी | पीड़ित परिजनों ने कई दस्तावेज और अहम सबूत पुलिस को सौपे थे | लेकिन मुकेश गुप्ता के दबाव के चलते पुलिस ने ना तो उन सबूतों पर गौर फ़रमाया और ना ही पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई प्रयास किया | मिक्की मेहता कांड के बाद एक बार फिर मुकेश गुप्ता रेखा नायर नामक महिला पुलिसकर्मी को लेकर सुर्ख़ियों में है | रेखा नायर के खिलाफ EOW पहले ही एक FIR दर्ज कर चूका है | यह FIR आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दर्ज हुई है | अब उसके खिलाफ दूसरी FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है | ताज़ा मामला गैर-क़ानूनी रूप से पत्रकारों , नेताओ और महत्वपूर्ण व्यक्तियों के फोन टेपिंग करने ,बिना काम वेतन लेने , सरकारी दस्तावेजों की कूट रचना और उसमे हेर-फेर किए जाने के साथ-साथ कई इलाको में सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने से संबधित है | बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मुकेश गुप्ता ने सरकारी जमीनों पर भी बेनामी कब्ज़ा किया है | लिहाजा रेखा नायर पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है | अंदेशा है कि आरोपी मुकेश गुप्ता अपनी काली करतूतों के उजागर होने से पहले रेखा नायर को रास्ते से हटाने की साजिश को भी अंजाम दे सकता है |
बताया जा रहा है कि रेखा नायर और उसके परिजनों के नाम दर्ज बेनामी संपत्ति का बाजार भाव सौ करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा पार कर चुका है | EOW ने रेखा नायर के नाम दर्ज संपत्ति को खंगालना शुरू कर दिया है | बताया जा रहा है कि उसके ठिकानो से बड़े पैमाने पर छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य राज्यों में भी चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए है | पुलिस को फोन टेपिंग से संबधित एक डायरी और उसमे दर्ज सैकड़ो ऐसे नंबर मिले है जो महत्वपूर्ण व्यक्तियों के है | करोडो के लेनदेन के दस्तावेज भी बरामद किए गए है | रायपुर के कचना , आरंग के नरदहा , भिलाई , पाटन और दुर्ग के अलावा केरल के केल्लम में भी रेखा नायर और उसके परिजनो के नाम करोडो की संपत्ति डकैत डीजीपी मुकेश गुप्ता ने खरीदी है |
फ़िलहाल रेखा नायर पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रही है | EOW को उम्मीद है कि वो जांच में सहयोग करेंगी | लेकिन कई कोशिशों के बावजूद उसकी गैर मौजूदगी कई शंकाओ को जन्म दे रही है | हालांकि पुलिस को इस बात की पूरी जानकारी है कि रेखा नायर इन दिनों मुकेश गुप्ता के कब्जे में है | सूत्रों के मुताबिक वो आखिरी बार दो हफ्ते पहले दुर्ग में स्थित भोपाल खंडेलवाल के फॉर्म हाउस में देखी गई थी | उसके बाद उसका मोबाईल नंबर भी स्विच ऑफ बता रहा है |