छत्तीसगढ़ में बीजेपी सत्ता में थी, तो रणबाकुंरे बन बेहतर राजनीतिक भविष्य की चाहत लिए पार्टी प्रवेश करने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव, रिटायर्ड आईएएस आर सी सिन्हा समेत एक दर्जन से ज्यादा रिटायर्ड अधिकारियों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है । बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर पहुंचे अमित शाह के कार्यक्रम में शामिल होकर इन 16 लोगों ने सामूहिक रूप से भाजपा में प्रवेश किया था, लेकिन अब अपरिहार्य कारणों के चलते इन 16 लोगों ने सामूहिक रूप से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में जोर-शोर से रिटायर्ड अधिकारियों का पार्टी प्रवेश कराया गया था | खूब हल्ला किया गया कि पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित होकर सेवामुक्त हो चुके अधिकारी बीजेपी में आ रहे हैं, हालांकि अब जब सरकार बदल गई तो बदली फिजा में पार्टी छोड़ना ही रिटायर्ड अधिकारियों ने बेहतर समझा है | पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले रिटायर्ड डीजी राजीव श्रीवास्तव, रिटायर्ड आईएएस आर सी सिन्हा, एन के एस ठाकुर, विमल चंद गुप्ता, एनटीपीसी के पूर्व महाप्रबंधक एच के धागमवार, पूर्व वन अधिकारी आर के तिवारी, बंशीलाल कुर्रे, आर के शर्मा, भोजेंद्र उके, प्रदीप मिश्रा, शमशीर खान, अजीत चौबे, डा.हेमू यदू, घनश्याम शर्मा, डा.नीता शर्मा और सुभाष वर्मा के नाम शामिल हैं |
कांग्रेस के “प्रवेश द्वार” पर लटका ताला , नई भर्ती पर रोक |
विधान सभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के कुनबे में शामिल हुए रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अफसरों का दल वापस अपने घर लौट आया है | सोलह अफसरों ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया है | लेकिन इस्तीफा क्यों दिया इसका कारण ना तो रिटायर्ड अफसर बता रहे है और ना ही उनके इस्तीफे में इसका खुलासा किया गया है | माना जा रहा है कि बीजेपी के सत्ता से बाहर हो जाने से इस्तीफा देने वाले अफसरों के अरमानो पर पानी फिर गया था | लिहाजा उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ना ही मुनासिब समझा | रिटायर्ड अफसरों के इस दल ने अभी किसी दूसरी पार्टी का दामन नहीं थामा है | लेकिन उन्हें कांग्रेस में अपना भविष्य सुनहरा नजर आ रहा है | अफसरों के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है | हालांकि कांग्रेस इन अफसरों को अपने खेमे में शामिल करेगी यह कहना अभी जल्दबाजी होगा | दरअसल कांग्रेस ने अभी अपना दरवाजा बंद कर रखा है | सत्ता में आने के बाद पार्टी का दरवाजा सिर्फ एक दिन खुला था | इस दिन पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी के आधा दर्जन नेताओ ने मौका पाते ही कांग्रेस प्रवेश कर लिए था | इस दौरान कांग्रेस के भीतर मचे घमासान से नेता हैरत में है | लिहाजा कार्यकर्ताओ के रुख को देखते हुए पार्टी ने “प्रवेश द्वार” पर ताला लटका दिया है |
अध्यक्ष बनते ही विक्रम उसेंडी को झटका
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हाल ही में बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व बदलते हुए धरमलाल कौशिक की जगह विक्रम उसेंडी को कमान सौंपी है | उसेंडी को लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही कमजोर होते कैडर को मजबूत करने की जवाबदारी दी गई थी | लेकिन नेतृत्व संभालते ही उन्हें यह पहला बड़ा झटका लगा है | जिस जोरशोर के साथ रिटायर्ड अधिकारियों का बीजेपी प्रवेश कराया गया, अब उन चेहरों ने ही पार्टी से अपने को किनारा कर लिया है | राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह से पार्टी छोड़ने की खबरें बीजेपी की सेहत के लिए ठीक नहीं है |