बिलासपुर / राज्य सरकार के प्रमोशन में आरक्षण के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक बरकरार रखी है | प्रकरण में सरकार आज भी अपना जवाब पेश नहीं कर पाई | हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच वन ने इसकी सुनवाई की और इस फ़ैसले पर स्टे दे दिया है। 20 जनवरी को इस मसले पर दूबारा बहस होगी।
राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर प्रथम श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण लागू किया है | इस फैसले को एस.संतोष कुमार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है | उच्च न्यायालय की डबल बेंच न्यायमूर्ति पीआर मेनन एवं पीपी साहू ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए यह निर्देशित किया है कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रमोशन जारी रखे | बेंच ने कहा है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं केन्द्र शासन के निर्देशों के तहत कार्यवाही की जाए, तब तक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रमोशन नही दिया जायेगा |
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर प्रमोशन में आरक्षण लागू कर दिया था, जिसके अनुसार ST को 32 प्रतिशत और SC वर्ग को 13 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। इस आदेश के ख़िलाफ़ विष्णु प्रसन्न तिवारी और गोपाल सोनी ने याचिका दायर करते हुए इस नोटिफिकेशन को गलत बताते हुए इसे रद्द किए जाने की माँग की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सर्वोपरि है जिसमें जरनैल सिंह के मसले पर सुको ने कहा है ,“प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है , क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा” सुको के इसी आदेश के आधार पर हाईकोर्ट छत्तीसगढ भी बीते समय में आदेश दे चुकी है कि सुको का आदेश पालन करना होगा। हालाँकि तब यह मसला विद्युत मंडल से जुड़ा हुआ था।