सरकार द्वारा गरीबों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जाती हैं | जिनमें से एक प्रधानमंत्री आवास योजना भी है , जिसके तहत शहरी हितग्राहियों को 2 लाख 40 हजार तथा ग्रामीण हितग्राहियों को 1 लाख 20 हजार रूपए की अनुदान राशि शासन से दी जाती है | लेकिन वर्तमान समय में कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही के कारण योजना का लाभ वास्तविक हितग्राहियों को कई ग्रामों में नहीं मिल पा रहा है | जबकि कुछ ग्रामों में इस योजना के नाम पर पैसों की लेन-देन करके अपात्रों को लाभ दिलाने का खेल जोरों से चल रहा है | कुछ इसी तरह की शिकायत विगत दिनों ग्राम पंचायत पोता में देखी गई |
जानकारी अनुसार जांजगीर चाम्पा जिले मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पोता में सरपंच सचिव की प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बड़ी लापरवाही उजागर हुई है | मृत व्यक्तियों के नाम को कांटछांट कर उसी नाम के अन्य व्यक्ति को भी लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया है | पीएम आवास स्वीकृत कर 1 लाख 20 हजार रुपएनिकाल लिए | आरोपी सचिव को जिला पंचायत CEO ने निलंबित कर दिया है | वही पीएम आवास के लिए स्वीकृत राशि 1 लाख 20 हजार रुपए को आरोपी सरपंच सचिव के पास से बरामद कर दिया है |
दरअसल ग्राम पंचायत पोता के सरपंच तीरथ गभेल और सचिव शत्रुघन साहू ने ग्राम पोता के एक मृत व्यक्ति का प्रधानमंत्री आवास दूसरे के नाम पर स्वीकृत कर दिया और मृत व्यक्ति के नाम पर 1 लाख 20 हजार की राशि निकाल लिए | इस मामले की शिकायत जिला पंचायत के CEO के पास कि गई थी | जिसके बाद जाँच किया गया और दोनों को दोषी पाया गया | जांच में दोषी पाए जाने पर जिला पंचायत CEO अजित बसंत ने ग्राम पंचायत पोता के सचिव शत्रुहन साहू को निलंबित कर दिया | साथ ही मृत व्यक्ति के नाम पर 1 लाख 20 हजार की निकले गए राशि को दोनों से वसूली कर राजस्व रिकार्ड में जमा करवाया गया है |