मिड डे मील में अंडे दिए जाने पर सदन में बवाल , बृजमोहन अग्रवाल ने कहा सत्ता पक्ष जिस तरह से व्यवधान कर रहे है वो सदन का अपमान है ।

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छत्तीसगढ़ में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में अंडे का फंडा कुछ लोगों के गले नहीं उतर रहा | छत्तीसगढ़ में अंडे पर विवाद खड़ा हो गया है | दरअसल, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार कुपोषित बच्चों को हृष्ट-पुष्ट बनाने के लिए मिड-डे मील के मेन्यू में अंडे को शामिल करना चाहती है | लेकिन प्रदेश के कबीर पंथी समाज ने इसका विरोध शुरू कर दिया है |  उनका कहना है कि इस फैसले के खिलाफ वो आंदोलन करेंगे | विवाद इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री बघेल ने चार मंत्रियों की एक समिति बना दी | मंत्रियों ने कई घंटे तक कबीरपंथी समाज के लोगों से बात की |  लेकिन मामला नहीं सुलझा. इस बीच बीजेपी भी इस विवाद में कूद पड़ी है |   

आज सदन में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर हो गई । अंडे पर जारी बवाल के बीच सदन में भी मिड डे मील में अंडे देने की योजना पर हंगामा हुआ । बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सरकार अंडा व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए गलत जानकारी दे रही है कि प्रदेश में 80 प्रतिशत लोग अंडा खाते हैं । बृजमोहन ने इस पर सरकार को कहा कि अगर अंडा बांटने है तो उनके घर भिजवा दीजिए स्कूल में मत बांटिए । नेता प्रतिपक्ष सहित बीजेपी सदस्यों ने इस पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की । बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सत्ता पक्ष जिस तरह से व्यवधान कर रहे है वो सदन का अपमान है । ऐसे में हम मूक दर्शक बनकर बैठे रहेंगे ।  नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विपक्ष को बोलने ही नहीं देना सही नहीं है । नाराज़ विपक्ष ने इसके बाद कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया ।इधर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है फिर वो नॉर्थ ईस्ट हो या कि गोवा वहाँ अंडा इन्हीं की सरकार उपलब्ध करा रही है, तो यहाँ क्या दिक्कत है  | 

बता दें कि छत्तीसगढ़ के 46 फीसदी बच्चे आज भी कुपोषण के शिकार हैं | कुछ लोग सरकार की ओर से अंडे को शामिल किए जाने का समर्थन कर रहे हैं |  लेकिन एक खास समाज के विरोध ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है |   

विपक्ष ने स्कूलों की फीस और निमार्ण कार्यों की रोक पर सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि फीस नियामक आयोग का गठन कब तक करेंगे |  साथ ही उन्होने कहा कि राजस्व मंत्री हर निर्माण कार्यों में परीक्षण कराने की बात करते हैं । इस पर उन्हें घोर आपत्ति है । वही पूर्व मुख्यमंत्री  ने RTE के तहत स्कूलों में आरक्षित सीटों की संख्या की जानकारी मांगी । उनका आरोप है कि स्कूल प्रबंधन बहाना बना रहे हैं कि उन्हें पैसा नहीं मिल रहा । जोगी ने केंद्र सरकार से अनुरोध कर अपना अंश मिलाकर स्कूलों को पैसा देने की बात कही है । ताकि स्कूलों को बहाना न मिले । केंद्र से अब तक कितनी राशि मिली इसकी जानकारी मांगी है । सवाल का जवाब देते हुए मंत्री टेकाम ने बताया कि 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देती है | 168 करोड़ रुपया का भुगतान स्कूलों को बकाया है जिसे शीघ्र कर दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि 2016-17 में 64962 सीटें आरक्षित थी । इसमें 38232 छात्रों ने प्रवेश लिया । 2017-18 में 84204 में से 42297 छात्रों ने प्रवेश लिया और वर्ष 2018-19 में 90057 सीटें आरक्षित थी । इसमें 45347 छात्रों को प्रवेश दिया गया है । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राजस्व मंत्री के सवालों से नाराजगी जताई । विपक्ष के नेता के मुताबिक राजस्व मंत्री हर निर्माण कार्यों में परीक्षण कराने की बात कहते हैं । इस पर उन्होंने आपत्ति जताई । इस पर मंत्रीजी ने सफाई दी है कि निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है इसलिए परीक्षण जरूरी है । मंत्री के जवाब से भाजपा सदस्यों ने सदन में जमकर शोर मचाया ।गौरतलब है सदन में आज भूपेश बघेल सरकार द्वारा 4 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट होगा। इसके अलावा सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को इस बजट पर चर्चा होगी।