शादी ब्याह का मौका हो या फिर ख़ुशियों के पल, लोगो के नाचने गाने और थिरकने का अपना अपना अंदाज़ होता है | इस दौरान कई लोग भले ही ” नाच ना जाने आँगन टेड़ा ” वाली कहावतको चरितार्थ होते देखते है | लेकिन नाचने वाला शक्श अपनी मस्ती में होता है, उसे किसी की परवाह नहीं, इसी को कहते है, ‘ मनमस्ती ‘ | देखिये ऐसे ही खुशियों के पलो को |