रायपुर | आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्ख़ियों रहता है | एक बार उन्होंने विवादित बयान दिया है | उन्होंने कोरसगुड़ा में भैंस की बलि प्रथा को फिर से शुरू करने ग्रामीणों को आश्वासन दिया | साथ ही मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर के आदिवासी शराब पीकर खुश रहते हैं | यहां के आदिवासी पुलिस और नक्सलियों की गोली के बीच फंसे हुए हैं | बता दें की कोरसगुड़ा में हर 12 साल में भव्य मेला का आयोजन किया जाता है |
कवासी लखमा सुकमा जिले के अपने गृह निवास सुकमा जिले के नागारास में नवाखानी त्यौहार मनाने के लिए पहुंचे थे । जहां उन्होंने कहा कि कोरसगुड़ा में भैंसा बलि आदिवासियों के परंपरा से जुड़ा हुआ मसाला है | बस्तर के ग्रामीण देवगुड़ी में रोज बलि देता है ,चाहे वह मुर्गी और अंडे ही क्यों न हो | उन्होंने कहा कि देवी को मानाने और उपासना करने में सबसे प्रमुख आदिवासी ही है | हमारे यहाँ दंतेश्वरी माता को बलि चढ़ाई जाती है | दशहरे के दिन बलि दी जाती है | बस्तर दशहरा में खूंटा गाड़ने से लेकर हर रस्म में बलि दी जाती है | फिर से शुरु करने के लिए वे प्रयास करेंगे । उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासियों की संस्कृति को विलुप्त होने नहीं दिया जाएगा और स्कूलों से लेकर हाट बाज़ारों को भी आदिवासी संस्कृति के मुताबिक चलाया जाएगा ।
वहीं कवासी लखमा ने अपने कनाडा दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां सब पी-खाकर मस्त रहते हैं । दुनिया में केवल बस्तर में ही पीने-खाने पर रोक लगाने की बात होती है । कवासी लखमा के इस बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जब भगवान पूजा-अर्चना से ही प्रसन्न हो जाते हैं तो जानवरों की बलि नहीं देना चाहिए । फिर भी कुछ लोग बलि देते हैं, तो उनको समझाया जाएगा ।