मध्यप्रदेश की भोपाल सीट से बीजेपी के टिकट पर साध्वी प्रज्ञा सिंह का चुनाव लड़ना तय है । बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि चुनाव लडूंगी और जीतूंगी । साध्वी को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई । पार्टी उन्हें दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारेगी | साध्वी ने साफ कर दिया है कि अगर पार्टी भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारती है तो ये लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच होगी |
साध्वी प्रज्ञा के मुताबिक यदि संगठन का आदेश होगा तो वह ‘धर्मयुद्ध’ लड़ने के लिए तैयार हैं । उन्होंने कहा था कि अभी तक मैं किंगमेकर की भूमिका में थी लेकिन अब यदि संगठन के आदेश पर किंग बनना पड़े तो वे इसके लिए तैयार हूं | साध्वी ने कहा कि जिस दिग्विजय सिंह ने हिंदू धर्म को पूरे विश्व में बदनाम किया, भगवा ध्वज को आतंकवाद का रूप बताया, अध्यात्म और त्यागमय जीवन पर आक्षेप किए और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया उसके खिलाफ यदि मुझे चुनाव लड़ना पड़े तो पीछे नहीं हटूंगी ।
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
साध्वी प्रज्ञा, मध्य प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं । साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का असली नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं | इनका जन्म मध्यप्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था | बाताय जाता है कि प्रज्ञा का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म की ओर था | इनको जानने वाले बताते हैं कि आरएसएस के संपर्क में आने के बाद इन्होंने संन्यास ले लिया था | बात करने और भाषण देने की कला के चलते बहुत जल्द हिन्दी भाषी प्रदेशों में अलग पहचान मिल गई | हिन्दुत्व के प्रचार के कारण वह भाजपा के नेताओं को प्रभावित करने लगीं और राजनीति में उनका वर्चस्व बढ़ता गया | बतया जाता है कि प्रज्ञा के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर भाजपा के एक विधायक ने शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे प्रज्ञा ठाकुर ने ठुकरा दिया था | बताया जाता है कि शादी के प्रस्ताव पर प्रज्ञा ने कहा था कि वह देश सेवा के लिए बनी हैं और इसी के लिए संन्यास लिया है |
मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी
2006 मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था | बताया जाता है जहां विस्फोट हुआ था वहां से उऩकी बाइक बरामद की गई थी | इस बाइक के बारे में बताया जाता है कि उस बाइक को उन्होंने बेच दी थी | इसी आधार पर 2008 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था और उन पर मकोका लगाया था | जांच में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कोइ सबूत नहीं मिले थे |
जोशी हत्याकांड में भी नाम
दिसंबर 2007 में आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हुई हत्या मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी थीं | हालांकि 9 साल बाद जोशी हत्याकांड के सभी आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था | ज्ञात हो कि 29 दिसंबर 2007 में देवाश इलाके में सुनील जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी | इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर समेत आठ को आरोपी बनाया गया था |