भूपेश कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला , प्रदेश में जमीन का सरकारी रेट 30 प्रतिशत घटाया |

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रायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति के बाद भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक विधानसभा भवन में ही आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान कैबिनेट ने जमीन रजिस्ट्री शुल्क में 30 प्रतिशत तक की कटौती किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। साथ ही बैठक में नगरीय निकाय क्षेत्रों में लोगों को स्थाई पट्टा देने का फैसला लिया है।

राज्य बनने के बाद 2008 से 2018 तक हर साल जमीन की सरकारी कीमत करीब 10 फीसदी बढ़ती गई। इसका असर ये हुआ कि जमीन की सरकारी कीमत बाजार भाव से डेढ़ से दोगुना हो गई। यानी बाजार में जिस जमीन की कीमत कम थी, उसे खरीदने के बाद दोगुना बढ़ी हुई कीमत में सरकारी रजिस्ट्री करानी पड़ रही थी। इससे जमीन और मकान की लागत बढ़ रही थी। इस वजह से शुल्क चोरी बढ़ी और रजिस्ट्री से सरकार को मिलने वाली आमदनी घटी थी। इस वजह से सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन ही कम कर दी है। 

पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केबिनेट के बाद मीडिया को बताया कि गाइडलाइन रेट कम करने का फैसला 25 जुलाई से राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा। पिछले साल विधानसभा और लोकसभा होने की वजह से 2019-20 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन रेट जारी नहीं किया गया था। इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि सरकार गाइडलाइन रेट कम करने जा रही है।