बैंक ने खेती के लिए किसानो को कर्ज देने से किया इंकार , कई किसान डिफाल्टर की सूची में |

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बिलासपुर | मानसून आने के पहले किसान अपने खेती के काम ले लग गए है | वो खेतो की सफाई , जोताई में पुरे तरह से सक्रिय हो गए है | लेकिन किसानो के लिए मुसीबत की बात यह है कि बैंको ने किसानो को कर्ज देने के लिए इंकार कर दिया है | बैंकों ने कर्ज देना तो दूर इन किसानों को डिफाल्टर सूची में डाल दिया है । ऐसे में अब भविष्य में भी किसानों को लोन लेने के रास्ते बंद हो गए हैं । बतादें कि खरीफ की फसल के लिए 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक और रबी की फसल के लिए एक अक्टूबर से 31 मार्च तक किसानों के केसीसी के तहत लोन दिया जाता है । धान की खेती के लिए प्रति एकड़ 18 हजार रुपए किसानों लोन मिलता है ।  दरअसल बिलासपुर जिले में 21 राष्ट्रीयकृत, 9 प्राइवेट और ग्रामीण बैंक हैं , जहां 26616 किसानों के लोन अभी तक अटके हुए हैं । किसनो ने बैंकों से 339.65 करोड़ रुपए कर्ज लिया था । राज्य की कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की लेकिन अब तक इन बैंकों को पैसा नहीं दिया है ।

पिछले खरीफ सीजन से पहले जिले के 1 लाख 74 हजार 616 किसानों ने खेती करने के लिए सभी तरह के बैंकों से 820.68 करोड़ रुपए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कर्ज लिया । इसमें 1 लाख 48 हजार किसानों ने जिला सहकारी एवं केंद्रीय बैंक से 481 करोड़ 3 लाख रुपए, 16 हजार 114 किसानों ने 21 राष्ट्रीयकृत बैंकों से 225 करोड़ 99 लाख रुपए तो 6 हजार 678 किसानों ने ग्रामीण बैंक से 43 करोड़, 15 लाख रुपए कर्ज लिया था । जबकि प्राइवेट बैंकों से भी 3,824 किसानों ने 70 करोड़ 51 लाख रुपए कर्ज लिया था ।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कर्जमाफी को घोषणा पत्र में शामिल करते हुए सबसे बड़ा हथियार बनाया था | इसके चलते कांग्रेस ने राज्य में एकतरफा जीत हासिल की | लेकिन 6 माह बाद भी सभी बैंकों को पूरी रकम सरकार ने नहीं दी है । इसी वजह से बैंक किसानों को कर्ज देने की बजाय डिफाल्टर घोषित कर रहे हैं । बतादें कि सरकार ने अभी तक सहकारी बैंक को 436 करोड़ रुपए दिए है । जिसमे ग्रामीण बैंक को लोन का 20 प्रतिशत रुपया ही मिल पाया है | जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों को अभी तक सरकार ने रकम दी ही नहीं है ।.

बैंक अधिकारीयों के मुताबिक अभी तक किसानों के कर्ज माफी का पैसा बैंक को नहीं मिला है । माना जा रहा है कि जल्द ही मिल जाएगा । उन्होने बताया कि किसान अगर  रुपए जमा कर देंगे तो डिफाल्टर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे । उनकी लिमिट भी बढ़ जाएगी । उन्होंने बताया कि जिन किसानों की लिमिट है, उन्हें लोन देने की प्रक्रिया चल रही है ।