पहले दौर के मतदान के लिए छत्तीसगढ़ के बस्तर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है | ग्यारह अप्रैल को यहां मतदान होगा | यह पहला मौका है जब बस्तर में किसी भी पार्टी के पक्ष में स्पष्ट लहर नहीं दिखाई दे रही है | फिर भी कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है | हालांकि बीजेपी ने भी अपनी इस परंपरागत सीट पर कब्जा जमाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है | बस्तर लोकसभा सीट से बीजेपी ने बैदूराम कश्यप को इस बार मैदान में उतारा है , जबकि कांग्रेस ने दीपक बैज को अपना प्रत्याशी बनाया है | दोनों दलों के अलावा इस सीट पर अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, बीएसपी , सीपीआई, शिवसेना के उम्मीदवार चुनावी मैदान में है | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के रामूराम मौर्य, और बहुजन समाज पार्टी के आयतु राम मंडावी समेत सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं | बस्तर के सभी मतदान केन्द्रो में चुनाव कर्मियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है | पहुंचविहीन इलाको में हेलीकॉप्टर से मतदान दलों को लाने और ले जाने का बंदोबस्त किया है | नक्सलियों पर अंकुश लगाए रखने के लिए भी कारगर उपाए किए गए है |
इस सीट पर जीत दर्ज करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि पिछले छह चुनावों से लगातार बस्तर से बीजेपी जीत हासिल करती आ रही है | वरिष्ठ आदिवासी नेता स्वर्गीय बलिराम कश्यप यहां से पांच बार सांसद रहे | उसके बाद उनके पुत्र दिनेश कश्यप ने पिछली बार बाजी मारी थी | इस बार बीजेपी ने राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों पर नए उम्मीदवारों को मौका दिया है | लिहाजा सांसद दिनेश कश्यप का पत्ता साफ हो गया है | हाल ही में हुए विधान सभा चुनाव में बस्तर के सभी इलाको में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की थी | इसमें जगदलपुर , दंतेवाड़ा , बीजापुर ,सुकमा ,कोंडागांव और नारायणपुर शामिल है |
इस लोकसभा सीट पर कब्जा जमाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया है | बस्तर के विभिन्न इलाको में उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा सभाए ली है | इसके अलावा उनके मंत्रीमंडल के तमाम मंत्रियो ने यहां दौरा कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए कोई कसर बांकि नहीं छोड़ी है | कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बस्तर में दो बार आम सभाए ली ,जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में चुनावी रैली कर बीजेपी के किले को बचाए रखने के लिए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था | पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी यहां आधा दर्जन से ज्यादा आम सभाए की है | आमतौर पर इस लोकसभा सीट पर बीजेपी की जीत के लिए आदिवासी कल्याण आश्रम और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ महती भूमिका निभाते है | लेकिन इस बार ये दोनों संस्थाए पहले जैसे सक्रिय नजर नहीं आ रही है | जबकि विधान सभा चुनाव में मिली जीत से कांग्रेसी कार्यकर्ता काफी उत्साहित है | आदिवासी बाहुल्य बस्तर में लोगो का रुझान बीजेपी और कांग्रेस ,दोनों ही पार्टियों की ओर नजर आ रहा है | ऐसे में दोनों ही दलों ने अपने पक्ष में अधिक से अधिक वोटिंग कराने के लिए तगड़ा बूथ मैनेजमेंट किया है |
बस्तर में ग्यारह अप्रैल को सुबह 7 बजे से 5 बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया है | यहां कुल 11 लाख 93 हजार 116 मतदाता हैं, जिनमें 6,09,710 महिलाएं और 5,83,406 पुरुष मतदाता हैं । बस्तर संसदीय क्षेत्र में कुल 1889 मतदान केंद्र बनाए गए हैं | जिनमें 741 अति संवेदनशील 606 संवेदनशील 227 राजनीतिक संवेदनशील और 305 सामान्य मतदान केंद्र हैं | नक्सली संवेदनशीलता को देखते हुए 289 मतदान केन्द्रो को पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों के ठिकानो के इर्द-गिर्द शिफ्ट किया गया है | चुनाव आयोग ने इन गांव में मुनादी के माध्यम से लोगों को वोट करने की अपील की है | शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों की तीन सौ से ज्यादा कंपनियों की तैनाती की गई है | नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर कई इलाको में पर्चे फेंके है | बावजूद इसके मतदान को लेकर आदिवासियों का उत्साह देखते ही बन रहा है |