पिछले डेढ़ वर्ष से अवैध तरीके से इंड सिनर्जी सपनई नाला से ले रहा पानी । कार्रवाई के लिए अधिकारी ने मांगीं लिखित में शपथ पूर्वक शिकायत ।

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उपेन्द्र डनसेना [Edited By : शशिकांत साहू]

रायगढ़ । रायगढ़ जिले के कोटमार में स्थित इंड सिनर्जी पिछले डेढ़ वर्ष से सपनई नाला में एनीकट बनाकर अवैध तरीके से बिना अनुमति से उद्योग संचालन के लिए पानी का दोहन किया जा रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी से पूछे जाने पर कहा कि लिखित में शपथ पूर्वक शिकायत करें तो करवाई होगी अखबारों में छपना अलग बात है। कोटमार महापल्ली क्षेत्र में स्थित इण्ड सिनर्जी डेढ़ वर्ष से सपनई नाला से अवैध तरीके से पानी ले रहा है।

बता दे कि इंड सिनर्जी पर कई करोड़ का जल कर बकाया है और जलकर जमा नही करने को लेकर उद्योग प्रबन्धन कोर्ट में चला गया है। लेकिन दूसरी ओर प्रबन्धन द्वारा न्यायालय से उद्योग संचालन के लिए पानी लेने की अनुमती की मांग की गई जिस पर न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में जल संसाधन विभाग को पानी देने का आदेश दिया है कि 1 मई से सामान्य दर से 3 गुना दर पर पानी दिया जाए। लेकिन पिछले डेढ़ साल से अवैध तरीके से पानी देने के सवाल पर अधिकारी के द्वारा शिकायत का इंतजार किया जा रहा है। वही इस भीषण गर्मी में कई जल स्रोत सुख जाने की वजह से निस्तारी के लिए पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है ग्रामीणों द्वारा विधायक प्रकाश नायक से भी नहर से पानी छोड़े जाने जल संसाधन विभाग को निर्देश देने की बात कही थी लेकिन विभाग यह कहते हुए पानी देने से इनकार कर दिया कि नहर ठीक नही है इसलिए निस्तारी के लिए पानी नही दिया जा सकता है।

ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि विभाग उद्योगों को पानी देने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाती है अवैध तरीके से पानी लेने के नाम पर शपथ पूर्वक शिकायत की मांग की जाती है । लेकिन भीषण गर्मी में ग्रामीणों को पानी देने की व्यवस्था नहीं कर सकती है। कोर्ट ने एक मई से उद्योग को पानी देने का आदेश दिया है । जबकि कंपनी पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय से संचालित हो रही और इसके लिए उद्योग बिना पानी के संचालित हो नही सकता है जाहिर है उद्योग प्रबन्धन बिना अनुबन्ध अवैध तरीके से सपनई नाले से ही पानी लेकर उद्योग का संचालन करता रहा है। अंदरूनी सुत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंड सिनर्जी द्वारा पानी के लिए कैम्प्स के अंदर करीब 10 से 18 बोर अलग अलग स्थानों में करवा कर अवैध तरीके से भू जल का भी दोहन कर रही है।

इस मामले में भी जल संसाधन विभाग के अधिकारी शपथ पूर्वक शिकायत की मांग कर रहे है ,जो कि शासन के नियमों के विपरीत तो है ही साथ ही अधिकार के कथन दुर्भाग्य की पराकाष्ठा की भी हद है। जो करवाई करने के बजाए शिकायत वह भी शपथ के साथ दिए जाने पर ही जांच की बात कह रहे हैं। आपको बता दे कि इंड सिनर्जी पर जल कर के कई करोड़ बकाया हैं। कितने करोड़ बकाया है इस पर भी अधिकारी पूरा सही जवाब देने से भी कतरा रहे हैं।