पार्ले -जी बिस्किट की फैक्ट्री से छुड़ाए गए 26 बाल मजदूर |

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रायपुर | राजधानी रायपुर में बिस्किट की लोकप्रिय ब्रांड पार्ले-जी की एक फैक्ट्री में काम कर रहे बाल मजदूरों को बचाया गया है | जिला कार्यबल (डीटीएफ) ने बिस्किट फैक्ट्री में काम कर रहे 26 बच्चों को छुड़ाया गया है | जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने कहा कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक अभियान चलाया गया जिसमें पार्ले-जी बिस्किट फैक्ट्री से 26 उन बच्चों को रेस्क्यू किया गया जो वहां बाल मजदूरी कर रहे थे | बताया जा रहा है कि ज्यादातर बच्चों की उम्र 12 से 16 साल के बीच है और वह झारखंड, ओडिशा और बिहार से ताल्लुक रखते हैं |

दरअसल, बचपन बचाओ आंदोलन को रायपुर में बड़ी संख्या में बच्चों के काम करने की सूचना मिली थी जिसके बाद यह अभियान चलाया गया | बच्चों ने बयान दिया है कि वे 5 से 7 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन में सुबह 8 से रात 8 बजे तक यानी 12 घंटे काम करते थे |  बचपन बचाओ आंदोलन  के सीईओ समीर माथुर ने कहा, पार्ले-जी देश का एक अच्छा और बड़ा ब्रांड है, और लाखों बच्चों के बीच इसकी पहचान है, उसे इस रूप में देखना बहुत निराशाजनक है | बतादें फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए बच्चों को राज्य सरकार द्वारा संचालित बाल गृह में भेज दिया गया | वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया |

गौरतलब है कि भारत में बाल मजदूरों की सबसे ज्यादा संख्या 5 बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में है, जो कुल बाल मजदूरी का करीब 55 फीसदी है | हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बाल मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं | उत्तर प्रदेश में 21.5 फीसदी यानी 21.80 लाख और बिहार में 10.7 फीसदी यानी 10.9 लाख बाल मजदूर हैं. राजस्थान में 8.5 लाख बाल मजदूर हैं |