बहुचर्चित फोन टेपिंग मामले में निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरु हो गई है | मुकेश गुप्ता को डीजीपी डीएम अवस्थी के समक्ष 7 जून को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है | इस दौरान फोन टेपिंग मामले में निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता का बयान लिया जाएगा |
इस पूरे मामले को लेकर पहले ही EOW द्वारा जांच की जा रही है और अब विभागीय जांच भी शुरु हो गई है | 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता का EOW मुख्यालय में 21 मई को पेश होना था | लेकिन वो नदारत रहे | उनकी ओर से उनके वकील अमीन खान पहुंचे | उनके मुताबिक मुकेश गुप्ता पुछताछ के लिए ही रविवार को दिल्ली से रायपुर आये थे | लेकिन अचानक बेटी की तबीयत खराब होने की वजह से वो मंगलवार की सुबह वापस दिल्ली लौट गए । उनकी गैर-हाजरी को लेकर EOW से कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है | अब इस मामले में 7 जून को मुकेश गुप्ता को दोबारा बयान दर्ज कराने के लिए EOW के समक्ष पेश होना है |
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए । तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था । इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद EOW ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया । इस मामले में EOW के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया । हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया । बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था। पर कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया । उन्होने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही उन्होंने अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किय। इसी केस में सवाल जवाब के लिए मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था ।