रायपुर | नान घोटाला मामले में राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है | नान घोटाले मामले में कोर्ट ने पूर्व प्रबंधक शिवशंकर भट्ट के शपथ पत्र को खारिज कर दिया है ।गौरतलब है कि शिव शंकर भट्ट ने 164 का बयान दर्ज कराने के लिए पवन अग्रवाल की कोर्ट में शपथ पत्र दिया था । इस मामले में आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनके शपथ पत्र को ही खारिज कर दिया है । उन्होंने इस मामले में एक शपथ पत्र भी SIT को दिया था । साथ ही सरकारी गवाह बनाने की बात कही गई थी । उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री . रमन सिंह , खाद्यमंत्री पुन्नुलाल मोहिले सहित अन्य अधिकारियों को मास्टर माइंड बताया था ।
बतादें कि छत्तीसगढ़ में अरबो रूपये के “PDS और नान घोटाले” में उस समय नया मोड़ आ गया जब एक महत्वपूर्ण आरोपी शिवशंकर भट्ट ने “हलफ़नामा” देकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत उनके करीबी मंत्रियों , नेताओं और नौकरशाहों पर घोटाले का आरोप लगाया | शिवशंकर भट्ट खुद इस घोटाले की महत्वपूर्ण कड़ी है | कई महीनो तक “जेल की हवा” खाने के बाद हाल ही में वो जमानत पर छूटे है | आरोपी शिवशंकर भट्ट के बयानों को सी.आर.पी.सी. की धारा 164 के तहत “कलमबद्ध” किये जाने की जानकारी दी थी | उन्होंने धारा 164 के तहत शपथ पत्र देकर कोर्ट में बयान दर्ज कराया था | इसमें भट्ट ने बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं का नाम लिया है | शिवशंकर भट्ट ने अपने बयान में कहा है कि भाजपा सरकार के समय 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनवाए गए थे | 3 हजार करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया गया | 4 दिग्गजों की गैंग ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है | विभागीय अधिकारियों को मुंह खोलने पर नौकरी से हाथ धोने के स्पष्ट निर्देश दिया गया था | भट्ट ने शपथपत्र में सिलसिलेवार ढंग से पिछली सरकार के कई प्रभावशाली चेहरों पर गंभीर आरोप लगाया है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह समेत कई प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के नाम शामिल हैं । भट्ट ने शपथपत्र में कहा है कि 2013 के चुनाव के पहले डा.रमन सिंह और पुन्नूलाल मोहिले ने नान के तत्कालीन चेयरमेन लीलाराम भोजवानी को चुनावी फंड के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद बीजेपी के एकाउंटेंट जैन के पास पांच करोड़ रूपए जमा कराए गए थे । भट्ट के शपथ पत्र सामने आने के बाद से सूबे की राजनीति गरमा गई थी | कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर तीखा हमला बोल रही थी |