नान घोटाले के बाद ई-टेंडरिंग घोटाले के गुनाहगार भी जेल की सीखंचों के भीतर होंगे बंद | साइबर एक्सपर्ट ने पुलिस को सौपी रिपोर्ट में बताया आखिर कैसे हो रहा था करोडो का गोरखधंधा |

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 ई-टेंडरिंग घोटाले की जाँच करने के बाद साइबर एक्सपर्ट ने अपनी रिपोर्ट EOW को सौप दिया है | लगभग 800 पन्नो की 17 फाइल और पेनड्राइव में घोटाले से संबधित विस्तृत ब्यौरा दिया है , जिसकी कॉपी कर सीडी भी बनाई गई है | इस जाँच रिपोर्ट में अफसरों और ठेकेदारों की भूमिका के साथ ही फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया | रिपोर्ट मिलने के बाद विभागीय अफसर इसका अध्ययन करने में जुट गए है | 


बतादें कि लोक निर्माण लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी और जलसंसाधन सहित 17 विभागों के अधिकारीयों द्वारा 4601 करोडो के टेंडर निकला गया था |  जिसके लिए 74 कंप्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने के लिए किया गया | उसी कम्प्यूटर से निविदा की सारी औपचारिकता भी पूरी की गई | कैग रिपोर्ट के मुताबिक 10से 20 लाख के 108 मैन्युअली जारी किए गए थे |   1921 निविदाओं में किया गया था | जिसके लिए फर्जी ईमेल आईडी भी बनाए गए |  

साइबर एक्सपर्ट से जाँच रिपोर्ट मिलने के बाद  घोटाले में शामिल अफसरों को पूछताछ के लिए बुलवाने की तैयारी चल रही है | बताया जा रहा है इसमें PWD , स्वास्थ्य , पीएचई और अन्य विभाग के अफसर शामिल है | EOW के अफसर जारी की गई निविदा और उसके वास्तविक मूल की गणना कर रहे है |  रिपोर्ट पर दोनों का मिलान भी किया जा रहा है | बताया जा रहा है कि सबसे अधिक राशि की निविदा वाले को वर्कऑर्डर  दिया गया | काम पूरा होने के बाद इसकी राशि भी भुगतान कर दी गई | इसके उजागर होने से सारे निविदा प्रपत्र को भी डिलीट कर दिया गया था | लेकिन सॉप्टवेयर के जरिए इसे रिकवर कर लिया गया है |