उपेंद्र डनसेना
रायगढ़ । छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है और इस चुनाव के लिए निगम में महापौर पद पर आरक्षित सीटो की घोषणा होनें के बाद राजनीति गरमा गई है । रायगढ़ नगर निगम में कांग्रेस व भाजपा के नेता अपनी-अपनी जीत के दावे करने लगे हैं । जबकि पिछले चुनाव में रायगढ़ नगर निगम में किन्नर प्रत्याशी ने जीत हासिल करके पूरे देश को चौका दिया था ।
रायगढ़ नगर निगम महापौर पर महिला अनुसूचित जाति पद के लिए आरक्षित घोषित कर दिया है । महिला आरक्षित होते ही अब रायगढ़ नगर निगम में भाजपा व कांग्रेस के पदाधिकारी अपनी-अपनी तरफ से जीत के दावे भी करते हुए यह कहने से नही चूक रहे कि उनकी तैयारियां पहले से काफी मजबूत है । कांग्रेस के पूर्व महापौर जेठूराम मनहर की मानें तो छत्तीसगढ़ में कांगे्रस की सरकार है और इस बार नगर निगम में भी जीत का परचम लहराने के लिए पूरा प्रयास करेंगे । उनका यह भी कहना है कि अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होनें से उनकी पार्टी में अच्छी महिला मैदान में उतारी जाएगी । ताकि जनता उनके पक्ष में मतदान करें । निगम के सभापति सलीम नियारिया का भी यह दावा है कि उन्हें पहले से मालूम था कि रायगढ़ नगर निगम अनुसूचित जाति महिला पद के लिए आरक्षित होगा । पिछले चुनाव में भाजपा व कांग्रेस की हार के बाद महापौर पद पर किन्नर ने जीत हासिल की थी, जिसे जनता समझ चुकी है और इसके चलते उनके ऊपर काम का काफी बोझ भी था | लेकिन अब कांगे्रस न केवल महापौर का पद पर जीत हासिल करेंगे बल्कि पार्षद चुनाव में भी एक तिहाई से भी ज्यादा पार्षद उनकी पार्टी से जीत कर आएंगे । महिला कांग्रेस नेत्री ने भी कहा है कि कांगे्रस में महिलाओं की कमी नही है और नगर निगम में जीत के लिए उनके पास बेहतर प्रत्याशी है जो मैदान में उतारा जाएगा
नगर निगम में भाजपा भी अपने जीत के दावे किए जा रहे हैं । इनके नेताओं ने भी साफ तौर पर कहा है कि निगम में अनुसूचित जाति के लिए महापौर पद आरक्षित किए जाने से उनकी पार्टी में पढ़ी लिखी महिलाओं में से एक को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा । इतना ही नही लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की स्थिति पहले से काफी मजबूत है । इतना ही नही छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के 6 महीने के कार्यकाल में ही जनता यह जान चुकी है कि सरकार की कथनी और करनी में कितना अंतर है । इन नेताओं ने इस बात को माना कि पिछले चुनाव में कुछ गलतियों की वजह से पार्टी की हार हुई थी , लेकिन इस बार पार्टी जीत के लिए चुनाव लडेगी और उनकी तैयारियां पहले से ही हो चुकी है । बहरहाल नगरीय निकाय चुनाव में निगम महापौर से लेकर नगर पालिका व नगर पंचायत के लिए आरक्षण की घोषणा शुरू होते ही राजनीति गर्माने लगी है अब देखना यह है कि दोनों पार्टी के जीत के दावे चुनाव के समय कितने सटीक बैठते हैं ।