नक्सलियों ने तेंदूपत्ता तोड़ने पर हांथ काट देने की दी चेतावनी | प्रत्येक परिवारों से चार हज़ार रूपये की माँग |

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          सुकमा जिले में नक्सलियो द्वारा एक बार फिरसे अपने तुग़लक़ी फ़रमान से ग्रामीणों को खुले जेलों मे जीवन यापन करने का एहसास कराया गया है | वो भी तब जब बस्तर मे हरे सोने के रूप मे पहचान रखने वाले तेंदूपत्ता तोड़े जा रहे है |  इसी बीच सुकमा जिले के दोरनापाल थाना क्षेत्र के कोसागुड़ा गाँव मे नक्सलियो ने कई घरों मे पर्चा चस्पाँ किया और तेंदूपत्ता ना तोड़ने की चेतावनी दी है  | 


प्रत्येक परिवारों से चार हज़ार रूपये की माँग   


ग्रामीणों ने बताया कि नक्सलियो ने पर्चे मे तेंदूपत्ता तोड़ने वाले प्रत्येक परिवारों से चार हज़ार रूपये की माँग की है और जब तक पैसे नही दिए जाते तब तक तेंदूपत्ता तोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है |  साथ ही ग्रामीणों ने बताया है की पर्चे मे नक्सलियो की बात नही मानने वाले लोगों के हाथ काट दिए जाने की चेतावनी भी दी गई है |

 


तेंदूपत्ता तोड़ने पर हांथ काट देने की चेतावनी दी  

 ग्रामीणों ने बताया की गाँव मे जब तड़के सुबह ग्रामीण अपने खेतों मे पहुँचे तो कुछ खेतों मे एंव कुछ घरों मे नक्सलियो द्वारा लगाया गया पर्चा देखा गया  | गाँव के ग्रामीणों ने जब गाँव के शिक्षित युवकों को पर्चे के बारे मे बताया तो युवक पर्चे मे लिखे नक्सली संदेश को पढ़ने पहुँचे युवकों ने बताया नक्सलियो ने पर्चे मे तेंदूपत्ता तोड़ने पर हांथ काट देने की चेतावनी दी है |  जिसके बाद गुरूवार पुरी दिन किसी ने भी तेंदूपत्ता नही तोड़ी है और अपने अपने घरों के सामने घरों के काम करते रहे है |  वही पुरे गाँव मे काफ़ी भीड़ देखी जा रही थी इसकी मुख्य वजह नक्सलियो का फ़रमान ही माना जा रहा है | 

दरअसल ग्रामीण पुरी दिन सुबह से घरों से भोजन लेकर अपने खेतों मे जंगलों के बीच तेंदूपत्ते की तुड़ाई करते है  | जब नक्सलियो ने ऐलान कर दिया है तो गुरूवार को गाँव के एक भी ग्रामीण खेतों मे नज़र नही आए और पुरे दिन गाँव मे ही दिन बिताते देखे गए |  नक्सली फ़रमान का ख़ौफ़ भी गाँव मे देखने को मिल रहा था ।

दक्षिण बसतर के सुकमा जिले मे जितना ख़ौफ़ नक्सलियो का ग्रामीणों के बीच देखने को मिलता रहा है , उतना ही पुलिस का भी देखने को मिल रहा है |  दरअसल बुधवार की रात नक्सलियो द्वारा कोसागुड़ा गाँव मे पर्चे लगा फ़रमान जारी किया था ,  सुबह होते ही ग्रामीणों ने पर्चे को गाँव के शिक्षित युवकों को पढ़ने बुलाया इसके बाद ग्रामीणों ने पर्चे को फाड़कर जला डाला | जब ग्रामीणों से पर्चा जलाने की वजह पुछी गई तो बताया की अभी तो नक्सली फ़रमान जारी किए है |  यदी पुलिस को पता चलेगा तो पुलिस गाँव वालों को परेशान करेगी इस वजह से पर्चे को जला दिया गया है |  


नक्सली फ़रमान के बाद ग्रामीणों के बीच पसरा सन्नाटा

नक्सलियो द्वारा बीना अनुमति तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोगों के हांथ काट देने के फ़रमान के बाद कोसागुड़ा गाँव मे दिन भर ग्रामीणों को गाँव मे ही अलग अलग काम करते समय काटते देखा गया कुछ ग्रामीण सामूहिक रूप से खाट पर आराम करते दिखे तो कुछ ग्रामीण आपस मे एक दूसरे की सेविंग देशी अंदाज मे करते देखे गए  | वही महिलाएँ भी सामूहिक रूप से आम तोड़ आचार बनाने का कार्य करती देखी गई पर कोई भी नक्सली ख़ौफ़ के चलते खेत के आस पास जाने को तैयार नही था  | 


गाँव से कुछ मीटर की दूरी पर टूट रहे पत्ते

नक्सलियो का आख़िर कोसागुड़ा गाँव के ही ग्रामीणों से क्या दुश्मनी है इसे नक्सली ही स्पष्ट कर पाएँगे पर एक गाँव के साथ नक्सलियो द्वारा किए गए भेदभाव की तस्वीर आपके सामने पेश की गई है जहाँ कोसागुड़ा गाँव के ग्रामीण नक्सली ख़ौफ़ से खेत तक नही जा रहे है तो वही उक्त गाँव से लगे अन्य गाँवों के ग्रामीण कोसागुड़ा से महज़ कुछ मीटर की दूरी पर ही तेंदूपत्ता तोड़ते देखे गए जब उनसे पुछा गया की कोसागुड़ा के ग्रामीण क्यू नही पत्ते तोड़ रहे किसी ने भी जवाब नही दिया


किसी ठेकेदार ने नही दिखाई रूचि सरकार करेगी ख़रीदी

कोसागुड़ा गाँव दोरनापाल समिति के अंतर्गत आने वाला गाँव है |  जहाँ इस वर्ष किसी भी ठेकेदार ने तेंदूपत्ता ख़रीदी करने रूचि नही दिखाई है |  जिसके चलते जहाँ ठेकेदारों ने टेंडर नही लिया वहाँ सरकारी ख़रीदी की जा रही है  | कोसागुड़ा गाँव मे भी सरकारी ख़रीदी की तैयारी है जिसके लिए ग्रामीणों ने अच्छा ख़ासा तेंदूपत्तो की गड्डियाँ बना खेतों मे सुखने को छोड़ रखा है  ,पर नक्सली ख़ौफ़ के चलते सुखते पत्तों को भी देखने ग्रामीण नही जा रहे है  |