उपेंद्र डनसेना रायगढ़. [Edited By: शशिकांत साहू]
रायगढ़ मे शराब तस्करों पर कडी कार्रवाई के लिए कछुआ चाल के रूप में मशहुर आबकारी विभाग खुले में शराब सेवन करने वालों को छोड़ कर शराब दुकान के आसपास दुकान चलाने वाले गरीबों पर कार्रवाई की गाज गिरा रही है और जुर्माने के नाम पर उनसे हजारों रूपए ऐंठ जा रहे हैं । गजब बात यह है कि जुर्माने की यह राशि सरकारी खाते में भी जमा नही हो रही।
मिली जानकारी के अनुसार आज विजयपुर शराब दुकान में कुछ ऐसा वाक्या देखने को मिला जब वहां शराब दुकान के पास अपनी छोटी सी टपरे नुमा दुकान चलाने वाली महिला को आबकारी विभाग ने उसने दुकान से उठा लिया। दुकान से उठाने के बाद इस महिला को आबकारी विभाग की गाडी में बिठाकर शहर के आउटर में कुछ देर तक घुमाया गया । उसके बाद महिला को दो दिन के भीतर बतौर जुर्माना आबकारी विभाग के इन कर्मियों के पास जमा करने की धमकी देने के बाद महिला को आउटर में ही छोड़ दिया गया। जहां से महिला बमुश्किल किसी से लिफ्ट लेकर जैसे-तैसे अपने घर पहुंची और घरवालों को आपबीती बताई।
गजब की बात यह है कि आबकारी विभाग का पूरा अमला दरअसल शराब तस्करों और सार्वजनिक स्थानों पर जमघट लगाकर शराब सेवन करने वालों शरारती और असमाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने के स्थान पर इन दुकानों के आसपास छोटी-मोटी दुकान चलाकर अपना गुजर बसर करने वाले गरीब लोगों को परेशान करने में लगी है। सूत्र बताते हैं कि इन लोगों को धमकी चमकी देकर जो राशि वसूल की जाती है वह भी विभाग के खाते में नियमानुसार जमा नही की जाती बल्कि परोक्ष रूप से अधिकारियों के जेबों में चली जाती है। शहर के भीतर वैसे तो 48 वार्डो में से अधिकांश वार्ड में अवैध रूप से शराब की बिक्री हो रही है जिसके कारण चोरी मारपीट, छेड़छाड़, लूट जैसी घटनाएं बढ़ गई है इसके बावजूद विभाग के अधिकारी इन स्थानों पर दबिश देने के स्थान पर अपनी जेबे गरम करने में लगे हैं। विभाग के आला अधिकारियों को इस दिशा में चिंतन व जांच करने की जरूरत है। ताकि विभाग की साख पर बट्टा न लग सके।