दाँव पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साख, SIT गठन को लेकर अब 9 अप्रेल को सुनवाई | पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने अदालत से माँगा तीन दिन का समय |

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छत्तीसगढ़ की तत्कालीन बीजेपी सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नयन तारा कहे जाने वाले अमन सिंह के खिलाफ SIT जांच को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में रस्सा कसी जारी है | SIT जांच पर रोक लगाने के लिए पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने एड़ी चोटी  का जोर लगा दिया है |राज्य की  कांग्रेस सरकार   और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अरमानो पर पानी फेरने के लिए पूर्व सरकार के कर्ताधर्ताओं ने कोंग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को भी पैरवी करने के लिए  अदालत में उतारा था | लेकिन पी चिदंबरम की दलीलो से अदालत कितनी प्रभावित हुई है इसका पता तो 29 अप्रेल को चलेगा जब नान घोटाले को लेकर SIT जांच के गठन पर अदालत अपना रुख स्पष्ट करेगी |  बिलासपुर हाई कोर्ट में ताजा सुनवाई बुधवार को हुई , मामला अमन सिंह के खिलाफ गठित SIT जांच को लेकर था | गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अमन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर SIT जांच का गठन किया है | पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने इस SIT जांच को गैर संवैधानिक बता कर अदालत के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है | अदालत ने अमन सिंह को राहत देते हुए फिलहाल उनके खिलाफ SIT जांच पर रोक लगा रखी है | इस मामले की सुनवाई बुधवार को हुई | 
               

 बिलासपुर हाई कोर्ट में बुधवार को दिन भर गहमा गहमी रही | वकीलों के अलावा अदालत में मौजूद कई लोगो की जुबान पर SIT जांच का मामला सुर्ख़ियों में रहा | जस्टिस संजय अग्रवाल की एकल पीठ ने मामले की जैसे ही सुनवाई शुरू की अमन सिंह की ओर से पेश हुए वकीलों ने अदालत से जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन दिनों का समय मांग लिया | अदालत ने इसे स्वीकार कर मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रेल को निर्धारित की है | इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार अपना पक्ष पहले ही रख चुकी है | राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर अदालत से कहा है कि SIT जांच का गठन पूरी तरह से संवैधानिक है | दरअसल पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर  समेत कई लोगो ने मौजूदा कांग्रेस सरकार से शिकायत की है कि बीजेपी के कार्यकाल में अमन सिंह ने गैर क़ानूनी रूप से कार्य कर अरबो रूपये बनाये | इस रकम के बड़े हिस्से से छत्तीसगढ़ के अलावा देश के कई राज्यों में चल अचल संपत्ति खरीदी गयी | शिकायत में यह भी कहा गया है कि अमन सिंह ने भ्रष्टाचार कर जो संपत्ति अर्जित की वो अपने परिजनों और नाते रिश्तेदारों के नाम कर दी | जबकि रमन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के पहले ना केवल अमन सिंह बल्कि उनका पूरा खानदान मध्यम वर्गीय सामान्य श्रेणी का था | अमन सिंह के राजनैतिक प्रभाव में आते ही उनके कुनबे ने अरबो रूपये की संपत्ति अर्जित की है | इन शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने अमन सिंह के खिलाफ SIT का गठन किया है | हालांकि मामले की जांच शुरू हो पाती इसके पहले ही पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और  कांग्रेस के अरमानो पर पानी फेर दिया | फिलहाल देखना होगा कि 9 अप्रेल को इस मामले में अदालत क्या  फैसला सुनाती है |