प्रेम प्रकाश शर्मा
जशपुरनगर | जिला प्रशासन द्वारा तितलियों को लेकर कराए गए सर्वेक्षण एवं शोध पत्र के विमाचन एवं तितलियों के नए प्रजातियों की जानकारी देेने कार्यषाला का आज जिला पंचायत के सभागार में आयोजित किया गया । जिसमें तितलियों पर कराए सर्वेक्षण शोध पत्र का कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने विमोचन किया । इस अवसर पर डीएफओ कृष्ण जाधव, सीईओ के एस मंडावी एसडीएम दशरथ सिंह राजपूत, विषेषज्ञ अनुपम सिसादिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे । कार्यशाला में कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने कहा कि तितलियों एवं पंछियों के संरक्षण सर्वेक्षण में जशपुर जिले के सभी लोगों का भी सहयोग होना चाहिये जिससे और बेहतर ढंग से सर्वे किया जा सके और उनके संरक्षण की दिशा में काम किया जा सकेगा। उन्होंने जशपुर वाइल्ड लाइफ वेलफेयर की इस काम की सराहना की ।
तितलियों की प्रजाति को जानने प्रतियोगिता का होगा आयोजन
कार्यशाला में कलेक्टर निलेषकुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि जिले में वर्तमान में 81 प्रजातियां देखी गई है । जिनकेें के संग्रहण के लिए फोटो प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी । इस प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा । उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता 15 अक्टूबर के बाद रखी जायेगी । जिसमे प्रथम पुरस्कार 1 लाख , द्वितीय 75 हजार एवं तृतीय पुरस्कार 50 हजार का होगा जिसके लिए नियम निर्देशिका जल्द जारी किया जाएगा । इन फोटो को संग्रहित कर पुस्तिका भी प्रकाशित किया जाएगा । उन्होंने कहा कि तितली एवं पंछियों के सर्वेक्षण के कार्य पिछले 6 माह से विशेषज्ञों के माध्यम किया जा रहा है पूर्व में यह क्षेत्र सर्वेक्षण से वंचित रह जाता था परंतु नई प्रजातियों के तितलियां के मिलने पर अंतरराष्ट्रीय पटल पर इस क्षेत्र को पहचान मिलेगी । कार्यक्रम में डीएफओ कृष्ण जाधव ने बताया कि जिला प्रशासन तितलियों पंछियों एवं वन्य जीव के लिए संवेदनशील है उनके सर्वक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है प्रकृति से जुड़ने के एक नया अवसर लोगों को मिल रहा है इससे जशपुर का नाम होगा । इस दिशा में किये गए प्रयासों से आमलोग भी परिचित हों इसके लिए यह कार्यशाला रखी गई है ।
जिला प्रशासन द्वारा तितलियों को लेकर कराए गए सर्वेक्षण एवं शोध पत्र के संबंध में विशेषज्ञ अनुपम सिसौदिया ने जिला पंचायत के आडिटोरियम में प्रजेंटेशन दिया । विशेषज्ञ अनुपम सिंह सिसोदिया ने बताया कि यहां कामन ओनिक्स, इंडिगो फ्लैश तथा स्माल क्यूपिड तितलियों की तीन ऐसी प्रजाति मिली हैं जाने अब तक देश के पश्चिमी घाट, हिमालय तराई क्षेत्र और अंडमान निकोबार जैसे इलाकों से ही ज्ञात थीं । जिले के लिए खुशी और गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ में अब तक पाई गई कुल तितलियों की प्रजातियों की आधी से अधिक संख्या जशपुर जिले में भी पाई गई है । इस साल अप्रैल-मई माह में विषय विशेषज्ञ अनुपम सिसौदिया के नेतृत्व में जिला प्रशासन, वन विभाग और जशपुर वाइल्ड लाइफ वेलफेयर फाउंडेशन के सहयोग से कराए गए सर्वेक्षण में तितली की कुल 77 प्रजातियों पाई गईं ।जिसमें 3 और बढकर 81 हो गई हैं ।
इको टूरिज्म के क्रम में तितलियों का रहना भी महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है। जिले में सन्ना, मनोरा, पण्डरापाट, जशपुर, बादलखोल अभयारण्य में तितलियां बहुतायत में पाई जाती है। जिले में तितलियों का एक पार्क बनाया जा रहा है। जंगल कटाई, तापमान में वृद्धि ,वायु प्रदूषण ,और कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से तितलियों की कई प्रजाति विलुप्त हो गई। छोटी तितलियों का जीवन चक्र दो से तीन सप्ताह जबकि बड़ी प्रजाति की तितली का जीवन चक्र चार से 6 सप्ताह होता। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 15 से 38 डिग्री तापमान में तितलियां सहज महसूस करती है तापमान बढ़ने से नष्ट हो जाती है। पाई गई। जिससे इनके वितरण क्षेत्र में जशपुर का नाम पहली बार जुड़ रहा है। ये प्रजातियां अब तक पश्चिमी घाट, हिमालय तराई क्षेत्र और अंडमान निकोबार जैसे इलाकों से ही ज्ञात थीं। सर्वेक्षण से अन्य कई तकनीकी वैज्ञानिक तथ्य भी उजागर हुए हैं। इस सर्वेक्षण में कामन ओनिक्स, इंडिगो फ्लैश तथा स्माल क्यूपिड, तितलियों की यह तीन ऐसी प्रजाति पाई गई, जिससे इनके वितरण क्षेत्र में जशपुर का नाम पहली बार जुड़ रहा है, ये प्रजातियां अब तक पश्चिमी घाट, हिमालय तराई क्षेत्र और अंडमान निकोबार जैसे इलाकों से ही ज्ञात थीं। सर्वेक्षण से अन्य कई तकनीकी वैज्ञानिक तथ्य भी उजागर हुए हैं।
