बिलासपुर / झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के चलते एक किशोरी की जान चले गई | मामला बिलासपुर के मस्तूरी थानांतर्गत ग्राम सरगवा का है | मृतका के परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं डॉक्टर ने सामान्य इलाज करने की बात कहते हुए लापरवाही से इनकार किया है।
किशोरी के भाई मुकेश टंडन ने बताया कि उसकी बहन 14 वर्षीय रागिनी टंडन की गुरुवार दोपहर से तबीयत बिगड़ गई। उसे लगातार उल्टी हो रही थी। इसके बाद वह अपनी बहन को करीब 4 बजे मल्हार रोड पर स्थित दीपू बंगाली के क्लीनिक पर ले गया। यहां डॉक्टर दीपू बंगाली ने किशोरी को 2 इंजेक्शन लगाए और कुछ दवाएं खाने के लिए दी। उसके बाद उसका भाई रागिनी को लेकर घर चला गया। शाम 6 बजे जब लड़की की हाथ पैर ठंडे हो गए। ये देखकर घर वाले डर गए और उसके चाचा ने हाथ की नस को टटोला तो उन्हें आशंका हुई कि बेटी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। घबराकर वे आनन फानन में रागिनी को लेकर मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन ने बताया कि डॉक्टर दीपू बंगाली एक जनरल प्रैक्टिशनर हैं जो कुछ समय पहले से एक प्राइवेट रूम में अपनी खुद की क्लीनिक चला रहे हैं। लड़की की मौत के बाद पूरे गांव और परिवार में डॉक्टर के खिलाफ आक्रोश है। घटना के बाद मृतका के परिवार वाले रात करीब 10 बजे थाने पहुंचे और दीपू के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।
मृतका के भाई मुकेश ने बताया कि बंगाली डॉक्टर दीपू ने बहन को 2 इंजेक्शन लगाए और कुछ गोलियां भी दीं। इसके बाद वो अपनी बहन को घर लेकर आ गया। शाम 6 बजे के आसपास उसके हाथ पैर ठंडे हो रहे थे। बेहतर इलाज के लिए उसे मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई।
मस्तूरी टीआई आई तिर्की ने कहा रागिनी की तबीयत खराब होने पर झोलाछाप डॉक्टर से उसका इलाज कराया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिजन ने डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।