रायपुर / लोकसभा चुनाव में बसपा को मिली करारी हार का असर छत्तीसगढ़ में भी दिखने लगा है। उत्तरप्रदेश में सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी बसपा ने छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस (जेसीसीजे) से किनारा कर लिया है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने कहा कि जमीनी स्तर पर संगठन की मजबूती के लिए पार्टी नगरीय निकाय के चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अकेले ही लड़ेगी। सोमवार को बसपा की प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया गया। पार्टी का कहना है कि जोगी कांग्रेस से गठबंधन का उन्हें प्रदेश में कोई फायदा नहीं मिला है। गौरतलब है कि विधानसभा का चुनाव बसपा ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर लड़ा था।
जकांछ ने स्थानीय चुनाव अकेले ही लड़ने का पहले ही ऐलान कर रखा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने हाल ही में बयान जारी कर का था कि दो अप्रैल 2019 को अजीत जोगी और मायावती के बीच समझौता हुआ था। उसके अनुसार राष्ट्रीय चुनाव (लोकसभा चुनाव) बसपा लड़ेगी और जकांछ उसे समर्थन देगी। स्थानीय चुनाव जकांछ लड़ेगी और बसपा उसे समर्थन देगी। इस दौरान अमित ने यह भी कहा था कि बसपा चुनाव लड़ना चाहेगी, तो उनके प्रत्याशियों को जकांछ अपना टिकट दे सकती है।छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 से पहले सितंबर में अजीत जोगी की पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन किया था। इस चुनाव में प्रदेश की 90 में से 35 सीटों पर बसपा और 55 सीटों पर गठबंधन में अजीत जोगी की पार्टी ने चुनाव लड़ा। दोनों के गठबंधन को सात सीटें मिली थीं, जिनमें दो बसपा की थीं।
