
छत्तीसगढ़ में नौकरशाह अब बीजेपी के बजाए विधिवत कांग्रेस के रंग में रंग गए है | इस मौके पर वफादारी जाहिर करने के लिए रायपुर के छत्तीसगढ़ क्लब में गीत संगीत की महफ़िल सजी | हालांकि इस वफादारी का कार्यकाल मात्र पांच साल ही निर्धारित है | जिन नौकरशाहो ने भूपेश बघेल और कांग्रेस की ओर से बीते डेढ़ दशक तक निगाहें फेर रखी थी, वे भी फिल्म थ्री इडियट के चर्चित सीन की तर्ज पर सरकार के सामने सिर झुका कर जह्पना तुसी ग्रेट हो तोहफा कबूल करो कहते नजर आये | मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ने नौकरशाहों की गायकी की खूब प्रसंशा की |

पिछले 15 सालो तक पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गुणगान करने वाली नौकरशाही ने अब विधिवत पांच सालो के लिए अपना पाला बदल लिया है | छत्तीसगढ़ क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में नौकरशाहों ने गीत संगीत की महफ़िल सजा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष अपना हुनर पेश किया | इस महफ़िल में तमाम आईएएस अधिकारियों को मौजूद रहने का न्योता भेजा गया था | करीब दो ढाई घंटे तक सजी गीत संगीत की इस महफ़िल में नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक से बढ़ कर एक गीत सुनाये | ये वही आला अधिकारी थे जो साल भर पहले तक कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेश बघेल से मिलने तक के लिए अपना पल्ला झाड़ लेते थे | यही नहीं कुछ अफसरों ने तो भूपेश बघेल और उनके परिजनो को जेल की हवा खिलाने तक का बंदोबस्त कर दिया था | भिलाई में साडा की भूमि आवंटन मामले को लेकर बघेल और उनके परिजनों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने में गर्मजोशी दिखाई गयी थी | यही नहीं पूरवर्ती सरकार के प्रभावशील मंत्रियों और ख़िदमदगारो की नजरो में अपने नंबर कायम रखने के लिए ज्यादातर नौकरशाह तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल से दूरियां बनाये रखना ही मुनासिब समझते थे | ऐसे अफसर इस कार्यक्रम में काफी सक्रिय नजर आये |

नौकरशाही को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वो जिसकी सरकार हो उसके प्रति सिर्फ स्वामी भक्ति ही नहीं बल्कि वफादारी भी दिखाती है | कुर्सी से हटने के बाद नौकरशाह उस शक्श को बा मुश्किल पहचानते है | कुछ ऐसा ही नजारा छत्तीसगढ़ क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम में नजर आया | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नौकरशाही का लुफ्त उठाने के लिए समय पर यहाँ पहुंचे थे | वफादारी प्रदर्शन कार्यक्रम की गवाह प्रदेश की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी बनी |

इस कार्यक्रम में एसीएस के.डी.पी. राव ने मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत जो वादा किया निभाना पड़ेगा ने खूब सुर्खियां बटोरी | हालांकि कई आईएएस अधिकारियों ने इस गीत पर यह कह कर चुटकी ली कि मुख्यमंत्री जी किसानो से जो ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया है, उसे निभाना ही पड़ेगा | चाहे इस पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी अपनी सहमति दे या ना भी दे, लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादे को 15 नवंबर को निभाना ही पड़ेगा | के.डी.पी. राव ने चौदहवी का चाँद हो या आफताब हो भी पेश किया | वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव दिवेदी ने भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा | उन्होंने YES BOSS फिल्म के गीत मै कोई ऐसा गीत गाऊ कि आरजू जगाऊ पेश किया | रायपुर के कलेक्टर भारती दासन भी कहाँ पीछे रहने वाले थे | उन्होंने भी यशुदास के गाये गीत मधुबन खुसबू देता है को साऊथ इंडियन टोन में गा कर खूब तालियां बटौरी |
गायिका तूलिका शर्मा ने गीत संगीत की इस महफ़िल को अपनी मखमली आवाज से खुशनुमा बना दिया था | उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके की फरमाइश पर जब कोई बात बिगड़ जाए की प्रस्तुति दी | दिलचस्प रही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की वो दो गीतों की फरमाइशें जो अपने आप में नौकरशाहों को इस महफ़िल की हकीकत का संदेशा दे गयी | उन्होंने फिल्म काजग के फूल का चुटीला गीत वक्त ने किया क्या हंसी सितम ? और आगे भी तू जाने ना तू की ख्वाइश जाहिर की थी | दोनों ही गीतों को इस गायिका ने बखूबी पेश किया |
बहरहाल गीत संगीत की सजी इस महफ़िल के साथ ही साफ़ हो गया कि अब नौकरशाही पूरी तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रंग में रंग चुकी है | बीजेपी और उसके नेताओ का अब वही हाल होने वाला है जैसा साल भर पहले तक कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेश बघेल गुजारा करते थे | नौकरशाहों की ओर से आयोजित इस महफ़िल में लजीज भोजन भी पेश किया गया था | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस भोजन का लुफ्त उठा कर महफ़िल का समापन किया |