छत्तीसगढ़ में दूसरे दौर की कांकेर , राजनांदगांव और महासमुंद संसदीय सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला | 18 अप्रैल को मतदान की तैयारी पूरी |

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में लोक सभा चुनाव के दूसरे चरण को लेकर प्रचार थमने के साथ ही मतदान दलों ने अपने अपने केंद्रों का रुख कर लिया है | राज्य में दूसरे चरण में तीन सीटों कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में 18 अप्रैल को मतदान होगा। यह तीनों ही सीटें नक्सल प्रभावित हैं। सभी तीनों सीटों में पिछले चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी इन तीनों सीटों में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरबा और भाटापारा में चुनावी सभाएं लेकर बीजेपी के पक्ष में माहौल खड़ा कर दिया | जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दर्जन भर से ज्यादा सभाएं कर बीजेपी पर तीखा हमला किया है | नक्सल प्रभावित इन सभी सीटों पर लगभग 35 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे | इन सभी इलाकों में सुरक्षा का तगड़ा बंदोबस्त किया गया है | हैलीकॉप्टर , ड्रोन , मोटर साइकल , जीप ,वैन और एंटी लैंडमाइन व्हीकल स्तर के सभी वाहनों को सुरक्षा में झोंक दिया गया है | पहले दौर के मतदान के दो दिन पहले बस्तर में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी समेत चार पुलिस कर्मियों की शहादत से सबक लेते हुए चुनाव आयोग ने दूसरे दौर में सुरक्षा को लेकर काफी कदम उठाएं है |   

राजनांदगांव लोकसभा सीट –  

इस बार यहां कुल 14 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है | राजनांदगांव लोकसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 10 हजार 682 है , इसमें  पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 55 हजार 739 है | जबकि  महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 54 हजार 934 है | ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या यहां 09 है | पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का निर्वाचन क्षेत्र होने की वजह से इस सीट पर सबकी निगाहे रहेगी | कांग्रेस ने यहां से अपने पूर्व विधायक भोलाराम साहू को टिकट दिया है | साहू 2013 में खुज्जी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे | 2018 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था | वही बीजेपी ने भोलाराम साहू के मुकाबले संतोष पांडेय के रूप में नए चेहरे पर दांव लगाया है | पांडेय ने एक बार पहले 2008 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर पंडरिया सीट से चुनाव लड़ा था , लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था |  इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन पर फिर से भरोसा जताया है | वहीँ बसपा से यहां रविता लकड़ा मैदान में है | इस संसदीय सीट से मौजूदा सांसद अभिषेक सिंह है | पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र सांसद अभिषेक सिंह की टिकट काटकर बीजेपी ने संतोष पांडेय को टिकट देकर जोखिम भरा कदम उठाया है | इस संसदीय सीट की सीमा महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से लगी हुई है। कांकेर जिले की नजदीकी का भी असर यहां पड़ता है। इसका बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गढ़चिरौली से लगा हुआ है। इस संसदीय क्षेत्र का मोहला- मानपुर इलाके में नक्सलियों का प्रभाव सबसे ज्यादा है। यह वही क्षेत्र है, जहां 2009 में नक्सलियों हमले में तत्कालीन एसपी वीके चौबे शहीद हो गए थे।

कांकेर लोकसभा सीट – 

कांकेर लोकसभा सीट की अगर बात की जाए तो यहां कुल 09 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है | हालांकि सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है | इस संसदीय सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख 52 हजार 75 है | इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 66 हजार 32 है | तो वहीँ महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 86 हजार 10 है | ट्रांसजेंडर मतदातओं की संख्या 33 है | बीते तीन आम चुनाव से कांग्रेस यहां जीत के लिए तरस रही है | उसे बीजेपी ने लगातार तीनों बार परास्त किया है | आदिवासी बाहुल्य इलाका होने के चलते यहां आदिवासी समुदाय की विभिन्न जातियों के समीकरण पर ही उम्मीदवारों की जीत हार तय होती है | 

कांग्रेस ने इस बार बीरेश ठाकुर को मैदान पर उतारा है | बीरेश ठाकुर भानुप्रतापपुर के पूर्व जनपद अध्यक्ष है | वे लंबे समय से आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ते रहे है | जबकि बीजेपी ने मोहन मंडावी को टिकट दिया है | मोहन मंडावी पेशे से शिक्षक रहे है | शिक्षकों के अधिकारों को लेकर उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया है | वे कांकेर जिले के शिक्षा संघ शाखा उपाध्यक्ष रह चुके है | पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में वे छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के सदस्य रहे है |  बसपा ने यहां से सुबे सिंह को टिकट दिया है |  राज्य बनने के बाद से अब तक हुए तीनों आम चुनाव में कांकेर में मतदान का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। पिछले चुनाव में यहां 70 फीसद से अधिक मतदान हुआ था। 2009 में 57 और 2004 में 48 फीसद वोट पड़े थे। इस बार भी रिकार्डतोड़ मतदान के आसार है |  

महासमुंद लोकसभा सीट –  

  महासमुंद लोकसभा सीट से कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है | यहां कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 32 हजार 962 है | जिसमे से 8 लाख 10 हजार 783 पुरुष मतदाता है तो वही महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 22 हजार 158 है |ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या यहां 21 है | कांग्रेस ने इस सीट से अपने वरिष्ठ नेता और लगातार दूसरी बार अभनपुर से विधायक चुने गए धनेंद्र साहू को टिकट दिया है | धनेंद्र साहू पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर राज्य की पहली सरकार अर्थात अजित जोगी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में उनके मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रह चुके है | उधर बीजेपी ने इस संसदीय सीट से चुन्नीलाल साहू को टिकट दिया है | साहू पार्टी के पूर्व विधायक है | इस संसदीय सीट पर साहू समुदाय का बोलबाला है | चुन्नीलाल साहू अपने समाज के कई मंचों और संगठनों के संरक्षक और अध्यक्ष है | जबकि  बहुजन समाज पार्टी से धानसिंह कोसरिया अपना भाग्य आजमा रहे है |

महासमुंद लोकसभा चुनाव में 2004 में मतदान 66 फीसदी रहा | 2009 के लोकसभा चुनाव में करीब 57 फीसदी और 2014 में महज 48 फीसद मतदान हुआ था |      इस बार यहां पिछले चुनाव की  तुलना में मतदान में बढ़ोतरी के आसार है |