छत्तीसगढ़ में चल रहे अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र एक अप्रैल से हो जाएंगे बंद, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश |

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छत्तीसगढ़ में चल रहे अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र एक अप्रैल से बंद हो जाएंगे | राज्य शासन ने इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा जारी नियम का हवाला देते हुए आदेश जारी किया है । विभाग की ओर से जारी पत्र में यह उल्लेख है कि,नए दिशानिर्देशों के अनुरुप आश्रम छात्रावास और कल्याणकारी योजनांतर्गत खाद्यान्न का आबंटन केवल शासकीय और शासकीय स्वामित्व संस्थाओं को ही प्रदान किए जाने हैं । जो इस श्रेणी में नही आते हैं उन्हे खाद्यान्न का आबंटन नही होगा । 

     राजधानी समेत प्रदेशभर के दाल-भात केंद्रों को केंद्र सरकार के कोटे के चावल का ही आवंटन रियायती दर पर किया जाता था, जिसकी वजह से इन सेंटरों में लोगों को 10 रुपए में दाल-भात परोसा जाता था । लेकिन अब ऐसा नहीं होगा । सेंटरों चावल नहीं मिलने पर उनका खर्चा तीन गुना बढ़ जाएगा । इस वजह से सेंटर संचालकों ने इनके संचालन को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं । जिला खाद्य विभाग ने अपने सभी दाल-भात सेंटर संचालकों को इसकी जानकारी दे दी है ।


करीब 12 हजार लोग खाते हैं खाना 

छत्तीसगढ़ में 2004 में अन्नपूर्णा दाल-भाता योजना शुरू की कई थी । राजधानी में अभी 11 और राज्यभर में 135 दाल भात केंद्रों की मौजुदगी है और गरीब वर्ग के लिए यह बेहद लोकप्रिय भी रहे हैं | राज्य सरकार की ओर से इन दाल-भात केंद्रों को प्रोत्साहित करने के लिए निशुल्क गैस चूल्हे, प्रेशर कुकर के साथ 2 रुपए किलो चावल, 5 रुपए किलो चना तथा निशुल्क अमृत नमक दिया जाता है । छत्तीसगढ़ खाद्य विभाग का दावा है कि इन सेंटरों में दिन 12 हजार से ज्यादा लोग खाना खाते हैं । अब यह योजना बंद होती है तो लोगों के पास सस्ती कीमत में अच्छा खाने का विकल्प खत्म हो जाएगा । पहले इन सेंटरों में पांच रुपए में खाना मिलता था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 10 रुपए कर दिया गया था । इस आदेश के बाद अब उन सब पर ताला लग जाएगा, कम से कम तब तक जबकि राज्य सरकार नए नियमों के अनुरुप संचालन की व्यवस्था बनाए, वह भी राज्य शासन पर ही निर्भर है कि वह ऐसी किसी योजना को चलाए रखने में दिलचस्पी रखती है या नही।