छत्तीसगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ FIR का सिलसिला शुरू | भ्रष्टाचार के एक के बाद एक कई मामलों में लिप्त पाए गए दामाद जी |

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लपेटे में आए है | उनके  खिलाफ भ्रष्टाचार , धोखाधड़ी और शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर और सबूत नष्ट किए जाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है | डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अलग अलग डी FIR दर्ज की गई है | उन पर 50 करोड़ से अधिक की सरकारी रकम हड़पने के आरोप है | दर्ज FIR के अलावा महालेखाकार की रिपोर्ट के तहत भी डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफएक और नई FIR  दर्ज करने की तैयारी चल रही है | रायपुर स्थित डॉ भीमराव  अंबेडकर अस्पताल एवं पंडित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में मशीनों की खरीद फरोख्त से लेकर दवाओं की खरीदी और कैंटीन के ठेको तक में हुए भ्रष्टाचार में डॉ पुनीत गुप्ता लिप्त पाए गए है | विधान सभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस ने स्वास्थ्य परिक्षण के उपयोग में आने वाली बेशकीमती मशीनों की खरीदी को लेकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे | लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के दामाद का बाल भी बांका नहीं हुआ था | यहाँ तक की कई गंभीर शिकायतों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों ने डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ प्राथमिक जांच करना भी मुनासिब नहीं समझा था | लेकिन अब उनके खिलाफ प्राप्त सभी शिकायते सच साबित हो रही है | लिहाजा उनके खिलाफ एक के बाद एक शिकायते FIR का रूप लेने लगी है | 

डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ  रायपुर के पंडरी थाने में कांग्रेस नेत्री डॉ. किरणमयी नायक के आवेदन पर 420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत पहली FIR दर्ज की गई है |  जबकि दूसरी FIR रायपुर  के गोलबाज़ार थाने में 15/03/ 2019 तारीख को की गई |  पुनीत गुप्ता के खिलाफ अपराध क्रमांक 70/19, आईपीसी की धारा 409,467 468,420 और 120 के तहत मामला दर्ज किया है |  डीकेएस अस्पताल प्रबंधन की ओर से डायरेक्टर डॉ. के के सहारे ने मामला दर्ज कराया है |  बता दें कि जब डीकेएस अस्पताल बनकर तैयार हो रहा था, उस वक्त पुनीत गुप्ता अस्पताल के अधीक्षक थे । बता जा रहा है कि  डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ महालेखाकार ने ऑडिट शुरू कर दिया है । बीते छह दिनों से तीन अफसर रायपुर के भीमराव अंबेडकर अस्पताल में डेरा जमाए हुए हैं | अफसर  हर फाइल की गहनता से जांच कर रहे हैं । माना जा रहा है कि अस्पताल में गड़बडिय़ों का कच्चा चिट्ठा जल्द खुल सकता है । डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ जांच शुरू होने से उनसे विभागीय तौर पर जुड़ा हर शख्स दहशत में है । पुलिस अधीक्षक द्वारा सीएसपी आजाद चौक के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने शनिवार को अस्पताल के उन डॉक्टर्स, स्टाफ के बयान दर्ज किए थे जो डॉ पुनीत गुप्ता के करीबी बताए जा रहे हैं । लेकिन अभी अधीक्षक डॉ. केके सहारे का बयान होना है । 

उधर FIR  सिलसिला शुरू होने के बाद डॉ पुनीत गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है | राज्य सरकार ने उन्हें पहले | डॉ पुनीत गुप्ता रायपुर के मेडिकल कॉलेज में बतौर साधारण डॉक्टर किडनी विभाग में पदस्थ थे | लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह का दामाद बनने के बाद उनकी लॉटरी खुल गई | सरकारी पैसो पर देश विदेश घूमने के अलावा उन्होंने तमाम कायदे कानूनों को दरकिनार कर मेडिकल उपकरण और मशीने थोक के भाव खरीदना शुरू कर दिया था | यहाँ तक मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में होने वाले तामम ठेको में उनके हिस्सेदारी तय होती थी | स्वास्थ्य विभाग में ज्यादातर काम ठेको पर संचालित होने लगा था | सरकारी संरक्षण मिलने के चलते डॉ पुनीत गुप्ता ने किडनी विभाग के अध्यक्ष का पद भी खुद संभाल लिया था | जबकि इस विभाग में कई उनसे योग्य डॉक्टर मौजूद थे | कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद निष्पक्ष जांच के लिए मेडिकल प्रशासन ने डॉ पुनीत गुप्ता को किडनी विभाग से हटाकर मेडिकल कॉलेज में बतौर OSD स्थानांतरित कर दिए था | उधर FIR  का सिलसिला शुरू होते ही डॉ पुनीत गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है | हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं किया गया है |