छत्तीसगढ़ कैडर के डकैत डीजी मुकेश गुप्ता को ‘अदालत’ से तगड़ा झटका | ‘अंतरंग’ रेखा नायर को नहीं मिली राहत |

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रायपुर / बुधवार को देर शाम रायपुर की जिला अदालत से एक बड़ी खबर सामने आई है | इस खबर के मुताबिक 1988 बैच के डकैत डीजी मुकेश गुप्ता की बेनामी संपत्ति को लेकर राहत की उम्मीद लगाए बैठी उसकी स्टेनो रेखा नायर को रायपुर की “जिला अदालत” से तगड़ा झटका लगा है | अदलात ने रेखा नायर के ‘सीज’ खातों को खोलने से इंकार कर दिया है | गौरतलब है कि रेखा नायर ने अपनी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए अदालत से गुहार लगाई थी कि EOW द्वारा सीज उसके बैंक खातों पर लेनदेन में लगी रोक हटाई जाए | मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने रेखा नायर और डकैत डीजी मुकेश गुप्ता के अरमानों पर पानी फेर दिया | 

फोन टेपिंग और आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपी स्टेनो रेखा नायर के आवेदन को कोर्ट ने खारिज कर दिया है |  रेखा नायर ने EOW द्वारा सीज किये गए बैंक अकाउंट को फिर से खोलने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था |  मामले में विशेष न्यायालय लीना अग्रवाल की कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई | प्रकरण विवेचना के स्तर पर है कहते हुए कोर्ट ने आवेदन को खारिज कर दिया | 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ कैडर के ‘वर्दीधारी डकैत’ डीजी मुकेश गुप्ता ने अपनी ‘खाकी वर्दी’ का दुरूपयोग करते हुए लगभग ‘दो हजार करोड़’ की अवैध संपत्ति अर्जित की है | इस संपत्ति के कुछ हिस्सों को उसने ‘पुलिस कर्मियों’ के नाम पर दर्ज कर रखा है | EOW में पदस्थ हवलदार रेखा नायर उन पुलिस कर्मियों में से एक है | इस कुख्यात ‘वर्दीधारी डकैत’ की कार्यप्रणाली की जांच की जाये तो देश के कई राज्यों में उसकी अवैध संपत्तियों का खुलासा होगा | यहां यह स्पष्ट करना जरूरी है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने कई ‘महिला पुलिस कर्मियों’ को अपने जाल  में फंसाया और उनके नाम पर करोड़ों का निवेश किया | बेनामी संपत्तियों की जांच में अभी सिर्फ हवलदार रेखा नायर का ही नाम सामने आया है | लेकिन आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे पुलिस कर्मी है , जिन्होंने निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के निवेश को अपने नाम पर कर रखा है | इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है |