छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बंगले में सूर्या सैटेलाइट , जासूसी का संदेह , षड्यंत्रों के सूर्या से सुरक्षा अधिकारियों की फूली सांसे  , कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को आखिर क्यों सौंपे गए दस्तावेज ?  

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रायपुर / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सूर्या सैटेलाइट के जरिये निगाहे रखी जा रही है | मुख्यमंत्री से  भेंट करने वाले लोगों की जानकारी रोजाना जुटाई जा रही है | मुख्यमंत्री निवास और मंत्रालय में आने जाने वाले उद्योगपतियों , विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों के अधिकारियों , ठेकेदारों और प्रमुख लोगों से मेल मुलाकात करने वालों ब्यौरा तैयार किये जाने की खबर है | बताया जाता है कि आगंतुकों से उनके आने का कारण पूछने वाला एक शख्स सुर्खियों में है | मुख्यमंत्री से मेल मिलाप करने वाले मेहमान उस समय असहज महसूस करते है जब बंगले में मौजूद एक शख्श उनसे उनके आने का कारण पूछता है | बताया जाता है कि यह शख्स मुख्यमंत्री के आगे पीछे और ऊपर नीचे चारो ओर किसी गृह की तर्ज पर चक्कर लगाता है | इसी खूबी के चलते इसे सूर्या सैटेलाइट के नाम से जाना पहचाना जाता है | अक्सर मुख्यमंत्री के साथ फोटो खिंचवाने और उसे सोशल मीडिया में वायरल करने में माहिर इस शख्स की दिन रात मुख्यमंत्री के आसपास मंडराने की गतिविधि अब संदेह के दायरे में आंकी जा रही है | प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब कभी भी मीडिया कर्मी कैमरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बातचीत करते है , यह शख्स उनके पीछे खड़े हो जाता है | कैमरामैन के फ्रेम से हटने के आग्रह को भी यह शख्स नजर अंदाज कर डटा रहता है | यही नहीं कैमरामैन को भी अपनी वीडियोग्राफी करने के लिए इशारा करता है | बताया जाता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब कभी भी दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों के दौरे पर जाते है , यह शख्स उसी फ्लाइट में सवार होकर यात्रा करने से नहीं चूकता | सूर्या नामक इस शख्स के बारे में बताया जाता है कि वो लॉयजनिंग के कारोबार को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है | लेकिन अब उसकी हरकते कई संदेह को जन्म दे रही है | मुख्यमंत्री पर सैटेलाइट की तर्ज पर नजर रखने वाले इस शख्स की गतिविधियों को लेकर आम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के अलावा मुख्यमंत्री स्टाफ और सीएम सुरक्षा दल भी हैरत में है | खुद कांग्रेसी नहीं समझ पा रहे है कि अक्सर मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द मंडराने वाला यह शख्स बगैर किसी कार्य के आखिर किस मकसद से दिनरात कदमताल करता है ? यह शख्स ना तो कांग्रेस का पदाधिकारी है , और ना ही राज्य सरकार ने उसे कोई सरकारी जिम्मदारी सौंपी है  , जिसके तहत उसकी मुख्यमंत्री परिसर में बे-रोकटोक आवाजाही सुनिश्चित होती हो | उन्हें भी सूर्या की गतिविधियों से जासूसी की बू आ रही है | हाल ही में घटित एक घटना से इसकी आशंका और बलवती हो गई है |   

 दिनांक 30/11/ 2019 , रात्रि के साढ़े नौ – दस का वक्त , स्थान रायपुर के टैगोर नगर स्थित पूर्व मेयर हाथीराज पुगारिया का निवास , यहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ चुनिंदा लोगों को डिनर के लिए आमंत्रित किया गया था | इस डिनर पार्टी में कुछ चर्चित कांग्रेसी चेहरों के अलावा महासमुंद निवासी सूर्या भी मौजूद था | बताया जाता है कि डिनर के बाद जब बारी विदाई की आई तब सूर्या नामक शख्स ने आठ दस पन्नों की एक फाइल पूर्व मुख्यमंत्री के हाथों में पकड़ा दी | इस दौरान उसने उनके कानों में कुछ फुस-फुसाया भी  , मौके पर मौजूद लोगों को साफ़तौर पर सौम्या चौरसिया नामक एक महिला अधिकारी का नाम सुनाई दिया था | सूर्या के मुंह से इस नाम को सुनकर पास खड़े चश्मदीद सभी हैरत में थे | दरअसल यह नाम उस महत्वपूर्ण महिला अफसर का था जो मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रही है | बताया जाता है कि इस महिला अफसर की संपत्ति संबंधी कुछ दस्तावेज  इन दिनों सोशल मीडिया पर एक विशेष समूह द्वारा खूब वायरल किये जा रहे है | अंदेशा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपी गई इस फाइल में इस महिला अफसर उनसे संबंधित अथवा  अन्य दस्तावेज भी संलग्न किये गए होंगे | हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री के हाव-भाव से साफतौर पर झलक रहा था कि उन्हें ये दस्तावेज फिजूल में थमाए जा रहे है | बहरहाल नमस्कार चमत्कार के चंद पलों के बाद ही इस स्थान से पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ गया | लेकिन मौके मौजूद   लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा छिड़ जाती है कि आखिर उस फाइल में ऐसे कौन से दस्तावेज थे , जो लोगों की नजरों से बचाते हुए  सूर्या नामक शख्स ने पूर्व मुख्यमंत्री को सौपें थे | इस घटना के ठीक दूसरे दिन अर्थात 01 दिसंबर को सूर्या रायपुर के मौलश्री विहार स्थित बीजेपी के एक बड़े नेता के घर में  भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है |  दरअसल अपने व्यक्तिगत रिश्तों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बीजेपी के इस कद्दावर नेता के बंगले में सुबह सुबह ब्रेकफास्ट करने पहुंचे थे |

सूर्या सैटेलाइट की संदेहास्पद गतिविधियों की न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने पड़ताल की | इस पड़ताल में पता पड़ा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बंगले से लेकर मंत्रालय और विधान सभा तक होने वाली तमाम गतिविधियों और मुलाकातियों पर सूर्या की पैनी निगाहे होती है | मुख्यमंत्री के ऊपर सायें की तरह मंडराने वाले इस शख्स की संदिग्ध गतिविधि मुखबिरी और जासूसी  की ओर इशारा कर रही है | एक जानकारी के मुताबिक निलंबित एडीजी मुकेश गुप्ता समेत कई कारोबारी घराने और बघेल विरोधी तत्व सूर्या के सीधे संपर्क में है | यह भी तथ्य उजागर हुआ कि सूर्या नामक शख्स शुरुआती दौर में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दरबार में जी हुजूरी किया करता था | सूत्र बताते है कि तत्कालीन राजनैतिक हालातों के मद्देनजर सुनियोजित रूप से उसे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मुखबिरी के लिए उसे उनके कैंप में भेजा गया था | बताया जाता है कि यहां सूर्या दलाल ने अपनी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल किया और योजनाबद्ध तरीके से जोगी खेमे के नेताओं की पुख्ता मुखबिरी की |  हालांकि वर्ष 2018 के विधान सभा चुनाव में चंदा वसूली के मामलों की कलई खुलने के अलावा जासूसी का संदेह , सिद्ध होने के बाद उसे सागौन बंगले से खदेड़ा गया था | बताया जाता है कि इस दौरान भी यह शख्स तत्कालीन एडीजी मुकेश गुप्ता के सीधे संपर्क में था | जानकारी के मुताबिक  भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर यह शख्स किसी बड़े असाइनमेंट पर काम कर रहा है | अनावश्यक तौर पर उसका मुख्यमंत्री बघेल के आसपास मंडराना ही नहीं बल्कि उनके साथ रोजाना फोटो खिचवाकर उन तस्वीरों को उद्योगपतियों , व्यापारियों , कोयला और खनन माफियाओं को भेजना काफी संदिग्ध नजर आ रहा है | राजनैतिक गलियारों में अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि कई गंभीर मामलों का आरोपी मुकेश गुप्ता सूर्या सैटेलाइट के माध्यम से कही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर तो नहीं रख रहा है ? 

दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार पखवाड़े भर बाद अपने कार्यकाल का पहला बरस पूरा करने जा रही है | सालभर में उनके नेतृत्व में सरकार और पार्टी दोनों ने नया रिकार्ड कायम किया है | इस अवधि में मुख्यमंत्री विरोधी कोई भी षड्यंत्र परवान नहीं चढ़ पाया | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि दिनो-दिन निखरती चली गई | सूत्र बता रहे है कि भूपेश बघेल की घेराबंदी के लिए पार्टी के भीतर और बाहर उनके घोर विरोधी ऐसे किसी मुद्दे की तलाश में है , जिससे उन पर जायज ना-जायज हमला किया जा सके | इसलिए विरोधी खेमे ने मुख्यमंत्री निवास , मंत्रालय और विधान सभा में उनकी चौकसी बढ़ा दी है , ताकि उन्हें कुछ न कुछ ऐसे तथ्य हासिल हो जाए , जिससे उन पर प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष हमला किया जा सके | सूर्या सैटेलाइट को इसी अंदेशे से जोड़कर देखा जा रहा है | 

बताया जाता है कि  मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ उप सचिव सौम्या चौरसिया ने विधिवत रूप से संपत्ति क्रय की थी | इस संपत्ति की खरीदी संबंधी जानकारी उन्होंने जीएडी को बकायदा सरकारी प्रपत्र में समय पर सौंपी थी | इसके बावजूद उनकी संपत्ति के दस्तावेजों को सोशल मीडिया में वायरल कर उनकी छवि खराब करने का असफल प्रयास किया गया | फ़िलहाल सूर्या दलाल आत्मज बी.के. दलाल निवासी नया पारा महासमुंद की संदिग्ध गतिविधियां राज्य की कांग्रेस सरकार के लिए एक अलार्म के रूप में देखी जा रही है |