रायपुर | ” हनी ट्रैप ” की जांच में जुटी SIT को मिली एक डायरी ने छत्तीसगढ़ के नेताओं और अफसरों की रंगरेलियों की ओर इशारा किया है | डायरी का यह पन्ना नेताओ और अफसरों से हुई वसूली की कहानी बता रहा है | पन्ने में साफ तौर पर ” छत्तीसगढ़ के पंछी ” का शीर्षक लिखा गया है | सूत्र बता रहे है कि यह कागज़ का पन्ना नहीं बल्कि वो एटीएम कार्ड है जिसके जरिये नेताओं और अफसरों की तिजोरी खुला करती थी | हालांकि ” न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ” ना तो इस डायरी और उसके पन्ने की पुष्टि करता है और ना ही किसी पीड़ित के नामो के कोर्डवर्ड की ओर संकेत | भोपाल और इंदौर से हनी ट्रैप को लेकर सामने आ रही खबरों और रहस्यों से पाठकों को परिचित कराने के लिए इस खबर का संकलन किया गया है |
“हनी ट्रैप” में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं | हाल में मध्यप्रदेश के कई अधिकारियों और नेताओं के नाम उजागर होने के बाद हनी ट्रैप गैंग की एक महिला श्वेता जैन की डायरी के कुछ पन्नों में छत्तीसगढ़ में टार्गेट किये गये लोगों लोगों की “लिस्ट” भी मिली है | इन पन्नों में साफ लिखा है कि किससे कितना लेना है और क्या क्या लेना हैं | बता दें कि इंदौर में हनी ट्रैप मामले में की गई शिकायत के बाद उच्च स्तरीय छानबीन के लिए SIT की टीम गठित की गई थी, जिसकी जांच से इस मामले में संलिप्त लोगों के कई नाम परत दर परत सामने आ रहे हैं | इन पन्नों में नौ लोगों के नाम हैं जिनसे लेनदेन की रकम और अन्य बातों का जिक्र देखने को मिल रहा है | छतीसगढ़ पुलिस और मध्यप्रदेश पुलिस आपसी तालमेल बिठाकर इस मामले की जांच कर रही है | वैसे तो कुछ नामों पर मुहर लग चुकी है लेकिन जब तक छानबीन पूरी नहीं हो जाती तब तक इन नामों को सामने नहीं लाया जायेगा | शुरूवाती जांच में ही यह खुलासा हो चुका है कि “हनी ट्रैप”गैंग की श्वेता जैन और बरखा सोनी का कनेक्शन 2016 से ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्रियों, विधायकों और कुछ अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध रहे हैं और साथ ही बस्तर संभाग में इनका आना जाना लगा रहता था |
SIT की टीम जांच में जुटी हुई है कि इन खूबसूरत “हसीनाओं” ने किन किन लोगों को अपने जाल में फंसाया है | डायरी के दो पन्ने हमें एक्सक्लूजिव रूप से मिले हैं | यह पन्ने हमें सोशल मीडिया के माध्यम से हासिल हुए हैं इसलिए हम इसकी “सत्यता” की पुष्टि नहीं करते | परंतु जिस तरह के नाम इन पन्नों में हैं, उससे पता चलता है कि ट्रेप किये जाने खेल किस स्तर पर चल रहा था | डायरी के पहले पन्ने पर मोनिका के क्लाइंट लिखा है और लव-तीर का निशान भी है | इसके बाद क्लांट, मनी और बेलेंस राशि का जिक्र है | पहला नाम मध्यप्रदेश की राजनीति में संगठन से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति का नाम है, जिसके आगे 1.5 लाख या करोड़ का जिक्र है | बेलेंस के तौर पर 50 का जिक्र है | इसी तरह ए.संजय नाम के आगे 50 लाख का जिक्र है तथा शेष 75 बकाया होना लिखा है | तीसरा नाम रायपुर का एम.जी लिखा है , इनसे 2.5 लाख या करोड़ का जिक्र है तथा 1.50 लाख का बेलेंस बताया गया है | अन्य नामों में ए.संजय, एम.जी. रायपुर, तथा एक अन्य प्रभावशाली भाजपा नेता का नाम इंग्लिश में लिखा हुआ है | इनसे मिलने वाली रकम तीन लिखा है तथा काम पूरा होने की बात है | उपरोक्त सभी रकम लाख में हैं या करोड़ में, यह साफ नहीं हो सका है |
डायरी के और पन्ना में सनसनीखेज नामों का खुलासा हुआ है | इसमें पहला बंसल साहब का है जिन्हें तीन देना और एक लेना बताया गया है | इसी तरह चौधरी भाई से 2 लेना बताया गया है जिसमें एक भोपाल में और एक गोवा में हवाला के माध्यम से लेना बताया गया है | तीसरा नाम चौंकाने वाला है जिसमें छत्तीसगढ़ के बस्तर से संबंध रखने वाले प्रमुख भाजपा नेता के नाम का जिक्र है | इनसे ढाई आना तथा 5 एनजीओ के माध्यम से लेना शेष बताया गया है | एक नाम ओ.पी है जिसमें हाउस सीजी लिखा है तथा इसमें 75 दिया और 25 देगा लिखा हुआ है | एचडी मीडिया के आगे नहीं दिया लिखा है तथा एक देगाा लिखा हुआ है | एक अन्य नाम किसी मंत्री का है जिसका नाम के आगे शार्ट फार्म लिखा है । इसमें तीन दिया हुआ बताया गया है साथ में लंदन ट्रिप भी जोड़ी गई है | उपरोक्त मिली सभी राशियों का बंटवारा इस तरह हुआ है | कुल राशि साढ़े सात की वसूली बताई गई है जबकि 4.75 शेष लेना बताया गया है | यह राशि लाखों या करोड़ों में है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है | राशि का बंटवारा मोनिका को 30 प्रतिशत, आरती को 25 प्रतिशत तथा श्वेता जैन को 45 प्रतिशत होना बताया गया है |