छत्तीसगढ़ का कुख्यात “टकला” केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए लाखों रूपये खर्च करने को तैयार | नक्सलवाद के खात्मे के लिए बनना चाहता है, “रायचंद”

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दिल्ली / रायपुर – छत्तीसगढ़ में “टकले” के नाम से जाने पहचाने जाने वाला कुख्यात अफसर इन दिनों दिल्ली में दलालों के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय में सेंध लगाने में जुटा है | इसके लिए उसने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरबार में ”  हाजिरी ” लगाने के लिए जी तोड़ कोशिश की है | वो लाखों रूपये खर्च करने के लिए तैयार है , ताकि गृहमंत्री के दरबार में उसे “उपकृत” होने का मौका मिल सके | इसके लिए उसने छत्तीसगढ़ और दिल्ली के बीजेपी नेताओं की भी  सहायता ली है | बताया जाता है कि अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने के लिए इस कुख्यात अधिकारी ने “दिल्ली बाजार” के कई पत्रकारों और दलालों के समक्ष खुद को नक्सल मामलों का बड़ा जानकार साबित किया है | एक होटल में दिल्ली बाजार के कुछ दलालों की जमकर तिमारदारी करने के बाद इस “टकले” ने केंद्रीय गृहमंत्री के दरबार में नक्सली मामलों के विशेषज्ञ या सलाहकार बनने के लिए समीकरण फिट करना शुरू किया है | 

दिल्ली के राजनैतिक गलियारों से खबर आ रही है कि छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में कानून की मार झेल रहे , एक कुख्यात “टकले” ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दरबारी बनने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है | दरअसल इस दरबार में दाखिल होकर “टकला” कानून का कोपभाजन बनने से बचना चाहता है | छत्तीसगढ़ सरकार ने जिस तरह से “टकले” पर क़ानूनी फंदा कसा है , उससे उसकी “बर्खास्तगी” तय मानी जा रही है | यही नहीं “टकले” के कब्जे वाले “मनी लॉन्ड्रिग” सेंटर पर भी ताला लटकने के आसार है | एक जानकारी के मुताबिक सभी प्रकार की वैधानिक कार्रवाई से बचने के लिए “टकले” ने दिल्ली बाजार के कई दलालों से संपर्क कर उन्हें दो सौ करोड़ के पैकेज का आश्वासन दिया है | इस पैकेज में शर्त रखी गई है कि , सेवा अवधि के दौरान उसके खिलाफ ना तो कम्पल्सरी रिटायरमेंट की कार्रवाई हो और ना ही उसे बर्खास्तगी का सामना करना पड़े | “टकले” ने यह भी दावा किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सभी वैधानिक कार्रवाई को वो क़ानूनी दांवपेचों का सहारा लेकर गोलमाल कर देगा | 

केंद्रीय गृह मंत्रालय में नक्सल मामलों का “रायचंद” बनने के लिए “टकले” ने अपनी शान में खुद कशीदे पढ़े है | उसने बताया है कि मध्यप्रदेश के बालाघाट में बतौर “पुलिस प्रमुख” रहते उसने दो एनकाउंटर किये | इसमें उसे एक बड़ा “तमंगा”   मिला | लेकिन “टकले” ने यह नहीं बताया कि उसके गलत निर्देशों के चलते दोनों ही नक्सल वारदातों में पुलिस के 22 जवानों की शहादत भी हुई थी | “टकले” ने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सलियों को धूल चटाने की मनगढ़ंत कहानी भी सुनाई है | इस एनकाउंटर में भी उच्चस्तरीय “तमंगा” दिए जाने का उल्लेख किया है | 

लेकिन यह नहीं बताया कि राजनांदगांव के मदनवाड़ा में हुई इस घटना में जिले के पुलिस अधिक्षक समेत दर्जनों पुलिस कर्मियों की शहादत भी हुई थी | यही नहीं नक्सलियों ने पुलिस के शहीद जवानों के अस्त्र-शस्त्र , बेल्ट , जूता और उनके कीमती सामान भी लूट लिए थे | “टकले” ने यह भी नहीं बताया कि राज्य के सबसे बड़े कांग्रेसी हत्याकांड “झीरम घाटी” घटना में वो खुद भी एक बड़ा संदेही है | नक्सलियों को मुहैया कराए जाने वाले विस्फोटक पर्दार्थों खासतौर पर अमोनियम नाइट्रेट की आपूर्ति के पीछे आखिर कौन सा गिरोह काम कर रहा है | यह जानकारी भी दिल्ली बाजार से छिपा ली गई | 

फ़िलहाल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उम्मीद की जा रही है कि वो पुलिस महकमे  में छिपे नक्सलियों के पार्टनरों को खोज निकालेंगे | उनसे यह भी उम्मीद की जा रही है कि पुलिस की वर्दी पहनकर जनता की सेवा करने के बजायें , उनके साथ लूटपाट करने वाले अफसरों को वो हवालात की सैर कराएंगे |