चिप्स के दफ्तर पर EOW का छापा, इ-टेंडर घोटाला की जांच के लिए पहुंची टीम |

0
20

रायपुर / ईओडब्ल्यू की टीम ने छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) के दफ्तर में छापा मार कार्रवाई की है | ईओडब्ल्यू की टीम चिप्स में हुए टेंडर घोटाले की जांच कर रही है | टीम ने चिप्स के अधिकारियों से पूछताछ करते हुए सारी फाईलों को अपने कब्जे में लेकर खंगालना शुरू कर दिया है। बतादे कि कैग की रिपोर्ट में चिप्स में टेंडर घोटाला उजागर हुआ था।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैग की रिपोर्ट में साढ़े चार हजार करोड़ रूपए के इस घोटाले की जांच कराए जाने का ऐलान किया था | जिसके बाद शासन की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग ने संशोधित आदेश जारी किया था |  जांच का जिम्मा एसआरपी कल्लूरी को सौंपा गया है |  

      कैग की आडिट रिपोर्ट के मुताबिक 17 विभागों के अधिकारियों के जिन 74 कंप्यूटरों से टेंडर निकाले गए, उन्हीं कंप्यूटरों से टेंडर भी भरे गए। ऐसा 1921 टेंडर में हुआ। यानी कि 4601 करोड़ के टेंडर अधिकारियों के कंप्यूटर से भरे गए।  नवंबर 2015 से मार्च 2017 के बीच 1459 टेंडरर्स के लिए एक ही ई-मेल आईडी का 235 बार इस्तेमाल हुआ। जबकि सभी के लिए यूनिक आईडी देने का प्रावधान था। कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 लाख से 20 लाख के 108 करोड़ के टेंडर ऑनलाइन जारी न कर मैन्युअली जारी किये गए। कैग की रिपोर्ट में चिप्स की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए गए थे। कहा गया  कि चिप्स ने ई-टेंडर को सुरक्षित बनाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। टेंडर के लिए 79 ठेकेदारों ने दो पैन नंबर का इस्तेमाल किया। एक पैन पीडब्लूडी में रजिस्ट्रेशन और दूसरा ई-प्रोक्योरमेंट के लिए। ये आईटी एक्ट की धारा 1961 का उल्लंघन है। टेंडर से पहले टेंडर डालने वाले और टेंडर की प्रक्रिया में शामिल अधिकारी, एक दूसरे के संपर्क में थे।