घटिया स्टॉप डेम और पुल पुलिया बनाने वाले ठेकेदारों की खैर नहीं , FIR दर्ज कर पूरी रकम वसूलेगा PMGSY | जो काम PMO डेढ़ साल में भी नहीं कर पाया वो काम मात्र तीन माह में कांग्रेस सरकार ने कर दिखाया |

0
23


छत्तीसगढ़ में पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार अपने वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों को रद्दी की टोकरी में डाल देती थी | खासकर भ्रष्टाचार से जुड़े मामलो की जांच को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से आने वाले आदेशों को | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ के हाथो  ऐसे दस्तावेज लगे है जिससे पता पड़ता है कि पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार की जांच को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं थी | हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह यह दावा जरूर करते थे कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करती है | 

           मामला प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़ा है | PMGSY के तहत राज्य की विभिन्न नदियों में जो स्टॉप डेम बनाए गए थे ,उनमे से ज्यादातर पहली बारिश में ही बह गए थे | प्रभावित इलाको के ग्रामीणों ने घटिया स्टॉप डेम के निर्माण को लेकर कई शिकायते PMGSY के अधिकारियो से की लेकिन उन शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया था | ग्रामीणों ने तत्कालीन पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर और उनके ठेकेदारों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे | लेकिन पूर्वबर्ती बीजेपी सरकार ने सब कुछ प्रमाणिक होने के बावजूद घटिया स्टॉप डेम के निर्माण के मामले की कोई जांच नहीं कराई | आखिरकर ग्रामीणों ने  जांच को लेकर PMO का दरवाजा खटखटाया था | PMO ने ग्रामीणों की शिकायत को गरंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और PMGSY के अधिकारीयों को जांच के निर्देश दिए थे | लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि प्रधानमंत्री कार्यालय के जांच संबधी निर्देश को भी तत्कालीन सरकार ने फाइलों में कैद कर दिया था | अब कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसे पत्रों की हकीकत सामने आ रही है | ऐसी फाइलों की धूल हटाई जा रही है | 

बीजेपी शासनकाल  में निर्मित घटिया स्टॉप डेम के निर्माण और भ्रष्टाचार को लेकर मौजूदा पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपना इरादा साफ कर दिया है | उन्होंने PMGSY के अधिकारियो को भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों और  आलाधिकारियों के अलावा ठेकेदारों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है | बताया जाता है कि ज्यादातर घटिया स्टॉप डेम के निर्माण और चंद महीनो में ही उसके बह जाने की सर्वाधिक शिकायते रायगढ़ के ठेकेदार सुनील अग्रवाल की कंपनी की थी | यह भी बताया जा रहा है कि तत्कालीन मंत्रियों के साथ ठेकेदारों के करीबी संबधो के चलते प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्रों को भी कूड़ेदान में फेंक दिया गया था | लेकिन अब PMGSY के भ्रष्ट अफसरों और ठेकेदारों की खैर नहीं | उनके खिलाफ FIR  भी दर्ज होगी और सरकारी रकम की वसूली भी होगी | विकास भवन में इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है | PMGSY का महकमा अब भ्रष्ट ठेकेदारों को काली सूची में डालेगा और सरकारी रकम की पूरी वसूली भी करेगा |      

ताजा जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड के गांव पोटिया से बागडाही तक 3 करोड़ 41 लाख रुपए की लागत से बनी 7 किमी पुलिया सह सड़क निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थी  ।  प्रधानमंत्री सड़क और पुलिया निर्माण में किया गया भ्रष्टाचार खुद इसे बयां करते हुए पहली बारिश में ही टूट कर बह गया था  । गौरतलब है  कि PMGSY के तहत पोटिया से बागडाही तक सड़क व पुल के बहने से इलाके ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । बह चुकी पुलिया के उपर से लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है । ग्रामीणों को विभाग की लापरवाही व गुणवत्ता विहीन निर्माण का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है । प्रभावित गांव के राम लखन , शिवदास और मनकु साहू ने बताया कि तीन माह बाद फिर बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा | ऐसे में पूरा गांव एक बार फिर टापू में तब्दील हो जाएगा | उपसरपंच परसराम कुर्रे ने बताया कि उनके साथियो घटिया स्टॉप डेम निर्माण की  शिकायत ने PMO में की थी | लेकिन सालभर  बाद भी कुछ नहीं , जबकि PMO से मिले पत्र में ग्रामीणों को जांच का भरोसा दिलाया गया था | 

 इसी  तर्ज पर खम्हार से पुटुकछार मार्ग स्थित रपटा भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है | ग्रामीणों की यह भी शिकायत है कि निर्माण के समय ही गुणवत्ताहीन सामग्री और तकनीकी मापदंड को पूरा न करने को लेकर अधिकारियो को सूचना दी गई थी | लेकिन मैदानी अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया था |  इसके चलते  नवनिर्मित पुलिया का एक बड़ा हिस्सा पहली ही बारिश में बह गया और सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई । PMGSY  के अधिकारियों के  मुताबिक पुलिया का निर्माण रायगढ़ के सुनील अग्रवाल नामक ठेकेदार की  कंपनी ने किया था |   

बताया  जाता है कि  इस ठेकेदार ने PMGSY के अलावा सिंचाई विभाग की ओर से भी स्टॉप डेम निर्मित किए थे | उन स्टॉप डेम का भी हाल बेहाल है | ज्यादातर स्टॉप डेम पहले बारिश भी नहीं झेल सके और पानी के बहाव में बह गए | नतीजतन किसानो के अलावा उन इलाको के ग्रामीणों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है | ग्रामीणों  को उम्मीद थी कि गर्मी के मौसम में स्टॉप डेम उनका सहारा बनेगी | सिचाई के अलावा पीने और निस्तार के लिए गांव को जल मिलेगा | लेकिन भ्रष्टाचार के चलते यह संभव नहीं हो पाया | ग्रामीणों के मुताबिक बारिश के मौसम में उन्हें और कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है , क्योकिं घटिया पुल पुलियों के टूट जाने से आवाजाही के रास्ते फिर बंद हो जाते है | ऐसे सैकड़ो गांव का जनजीवन पुरे चार माह तक ठप्प हो जाता है | 

 ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव की प्रशंसा की है कि उन्होंने घटिया स्टॉप डेम और पुल पुलिया बनाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है | ग्रामीणों के मुताबिक जो काम देश के प्रधानमंत्री नहीं कर पाए वो काम छत्तीसगढ़ के सीएम और विभागीय मंत्री सिंहदेव ने मात्र तीन माह के भीतर कर दिखाया | ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही नए सिरे से स्टॉप डेम और पुल पुलिया बनेंगे |