गणेश चतुर्थी के दिन ‘जनकारवां’ ने किया पहले सामाजिक कार्य का श्रीगणेश।

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उपेंद्र डनसेना / 

रायगढ़ / जनकारवां के गठन के बाद  गणेश चतुर्थी के दिन सामाजिक कार्य का श्री गणेश किया गया रायगढ़ की विशेष पहचान कबीर चौक यूं तो संत कबीर दास जी के अनुयायियों का गढ़ है। यहां कबीर मंदिर भी है तथा चौक भी है,किंतु आज तक स्थानीय कबीर चौक मैं कहीं भी कबीर चौक तक अंकित नहीं किया गया है। स्थिति यह है की रायगढ़ के इस प्रतिष्ठित चौक जिससे उड़ीसा की सीमा महक कुछ दूर है तथा रायपुर मार्ग व चंद्रहासिनी माता के मंदिर का मार्ग है, कभी-कभी तो उड़ीसा तथा दूसरे शहर से आए लोग ही इस चौक पर खड़े होकर कबीर चौक का पता पूछते हैं, जोकि हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है यूं तो वर्षों पहले 15अप्रैल 2013 को ही यहां संत कबीर दास जी की प्रतिमा स्थापना की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी, तथा एमआईसी की बैठक में भी इस बात पर मुहर लग चुकी थी, किंतु कुछ एक कारणों से यहां प्रतिमा स्थापना नहीं हो पा रही थी।

कुछ समय पूर्व यहां प्रतिमा स्थापना के लिए कुछ पहल हुई थी पर जमीनी स्तर पर प्रयास या निर्माण दिख नहीं रहा था जैसे ही जन कारवां की स्थापना 30 अगस्त को हुई तथा रायगढ़ के गौरव को पुनः स्थापित करने की मुहिम का हिस्सा एजेंडे में शामिल किया गया। इसे गंभीरता से लेते हुए, गणेश चतुर्थी के दिन उस स्थान जहां संत कबीर दास जी की प्रतिमा लगनी है निर्माण कार्य विधि विधान से कराकर शुरू किया गया। कार्यक्रम महंत समाज के पुजारी दयालदास महंत जी एवं लालीदास महंत ने पूजा कराई तथा जनकारवां के सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे तथा जल्द ही चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण होगा। एवं प्रतिमा स्थापना का आगामी चरण का शुभारंभ किया जाएगा। इस कार्य के प्रारंभ होते ही क्षेत्रवासियों को अब कबीर चौक के वास्तविक पहचान मिलने की खुशी है। महंत समाज व क्षेत्र के लोगों में प्रतिमा स्थापना को लेकर खुशी व भारी उत्साह है।