हरियाणा | हम कोई फिल्म देखने जाते है तो सबसे पहले एड दिखाया जाता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | धूम्रपान की हानियों से लोगों को जागरूक करने के प्रचार-प्रसार पर सरकार लाखों रुपये खर्च करती है । इसके बाद भी धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों की संख्या कम रहती है । लोग इसे सीरयसली नहीं लेते और जमकर धुंए उड़ाते है | लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि इस मॉर्डन दुनिया में एक ऐसा भी गांव है, जहां कोई भी व्यक्ति धूम्रपान और पान मसाले का सेवन नहीं करता तो शायद ये सुनकर आपको थोड़ी हैरानी होगी , लेकिन यह एकदम सच है । आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जहां का हर एक व्यक्ति सिगरेट, शराब और पान-मसाला जैसे सभी नशीले पदार्थों से कोसो दूर रहता है ।
हरियाणा के अंतिम छोर पर बसा राजस्थान से सटा एक छोटा सा “टीकला”नामक गांव है । वहां कि आबादी मात्र 1500 लोगो की है । यहां दशकों से चली आ रही एक परंपरा इसे ऐतिहासिक बनाते हुए लोगो को बड़ा संदेश दे रही है । गांव में कोई भी धूम्रपान नहीं करता, बुजुर्ग हो या जवान हर कोई बीड़ी-सिगरेट, पान-मसाला से दूर रहता है । यही नहीं अगर गांव में कोई रिश्तेदार आता है तो उसे भी पहले बीड़ी-सिगरेट का सेवन न करने को कह दिया जाता है ।
इस छोटे से गांव की पहचान हरियाणा ही नहीं बल्कि राजस्थान के कई गांव भी इसे आदर्श मानते हैं । गांव टीकला में तंबाकू का किसी रूप में सेवन न करने की यह परंपरा आज की नहीं बल्कि कई दशकों से है। जानकारी के अनुसार जिले की बावल विधानसभा क्षेत्र के राजस्थान से सटे गांव टीकला मेें राजस्थान के बहरोड़ से सदियों पूर्व एक भगवान दास नामक बाबा आए थे। उस समय राजस्थान से सटे पावटी, राणौली, तिहाड़ा, शाहपुरा प्राणपुरा सहित आसपास के गांव के लोग बहुत ज्यादा धूम्रपान करते थे । इससे आए दिन ग्रामीणों की मौत होती रहती थी । इसके बाद बाबा भगवान दास ने सभी गांवों को तंबाकू मुक्त करनेे के लिए अभियान चलाया । इसमें वह पूरी तरह सफल रहे । ग्रामीणों का कहना है कि उस समय उपरोक्त सभी गांवों के ग्रामीणों ने सभी प्रकार के नशे को बंद कर दिया था, लेकिन समय बीतने के साथ ग्रामीणों ने धूम्रपान शुरू कर दिया। वहीं “टीकला” गांव के ग्रामीण बाबा भगवान दास में आस्था रखते हुए आज भी धूम्रपान से दूरी बनाए हुए हैं । गांव में बाबा की याद में ग्रामीणों ने बाबा भगवान दास का मंदिर बनाया हुआ है, जिस पर प्रतिवर्ष मेला भी लगता है ।
