धमतरी में खाद्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है । बिना रजिस्ट्रेशन के मगरलोड में संचालित राईस मिल पर प्रशासन की टीम ने छापा मारा है । प्रशासन ने दबिश देकर 1 करोड़ 10 लाख रुपये का सामान जब्त किया । इसके साथ ही राइस मिल के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत प्रकरण दर्ज किया ।
दरअसल धमतरी कलेक्टर रजत बंसल द्वारा क्षमता के अनुरुप मीलिंग के लिए धान का उठाव नहीं किये जाने का मामला आया था. जिसके बाद कलेक्टर ने खाद्य विभाग को जिले की तमाम राइस मिलों की जांच के आदेश दिये गए थे | जिसके बाद खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने मगरलोड के ग्राम पंचायत अमलीडीह में स्थित डीएमएच एग्रोटेक राइस मिल में दबिश दी | विभाग की दबिश में सबसे चौंकाना वाला यह तथ्य सामने आया कि यह राइस मिल बगैर पंजीयन के संचालित हो रही थी | जांच में खाद्य विभाग ने मिल से 5200 क्विंटल धान और 850 क्विंटल उसना चावल जब्त किया है | जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ 10 लाख आंकी गई है।
सरकार के नियम के मुताबिक किसी भी राइस मिल को सबसे पहले पंजीयन कराना जरूरी है । उसके बाद मिल द्वारा साल भर किये गए मिलिंग में कम से कम 50 फीसदी सरकारी मिलिंग का काम होना जरूरी है । लेकिन डीएमएच ने पंजीयन नहीं कराया जाहिर तौर पर उसे कस्टम मिलिंग का काम भी नही मिला । ऊपर से मिल के द्वारा खुले बाजार और मंडी से धान खरीद कर बड़े पैमाने पर मिलिंग का काम किया जा रहा था । अचानक हुई कार्रवाई से जिले के राइसमिलरों में खलबली मच गई है ।