क्या कल गिरफ्तार होगा निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता ? आरोपी को धर दबोचने के लिए पुलिस तैयार , EOW में भी कड़ा पहरा |

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रायपुर | छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी और निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता को शुक्रवार दिनांक 05/07/2019 को EOW के मुख्यालय में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज करवाने है | लेकिन इस दिन क्या वो कार्यालयीन समय पर उपस्थित होगा ? इसकी गुंजाइश कम ही दिखाई दे रही है | दरअसल , इस आरोपी को अपनी गिरफ्तारी का भय है | लिहाजा शायद ही वो अपने बयान दर्ज करवाने के लिए EOW के मुख्यालय में अपनी आमद दर्ज कराएगा | उधर उसकी गिरफ्तारी को लेकर “दुर्ग पुलिस” का दस्ता पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रहा है | बताया जाता है कि “दुर्ग पुलिस” का महकमा “चार सौ बीसी” के इस आरोपी को धर दबोचने के लिए हर संभव कोशिश करेगा | सूत्रों के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए उसके सभी संभावित ठिकानों पर कड़ी नजर रखी जा रही है | रायपुर एयरपोर्ट से लेकर उसके सरकारी बंगले और निजी आवासों के अलावा नागपुर से रायपुर मार्ग पर इस आरोपी के ठिकानो पर भी पहरा बिठा दिया गया है | एक जानकारी के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर आलाधिकारियों के दिशा निर्देशों को पता करने के लिए भिलाई के सुपेला थाने के  प्रभारी समेत कुछ अन्य पुलिस कर्मियों से संपर्क किया था | इस आधार पर मिले इनपुट के बाद उसने फ़िलहाल रायपुर आना ,टाल दिया है | 

उधर EOW मुख्यालय में आरोपी मुकेश गुप्ता से पूछताछ के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है |
इस आरोपी से अब रेखा नायर ,तीन बार आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन पाकर अर्दलीय से सब इंस्पेक्टर बने राकेश जाट और ACB के तत्कालीन एसपी रजनेश सिंह के बयानों के आधार पर “फोन टेपिंग” के मामले को लेकर पूछताछ होगी |  इस मामले की प्रारंभिक विवेचना के उपरांत साफ हुआ है कि कई नेताओ ,अफसरों और नागरिक आपूर्ति और खाद्य निगम के कई कर्मियों की फोन टेपिंग अवैधानिक रूप से हुई थी | यही नहीं फोन टेपिंग की अनुमति के लिए आरोपी मुकेश गुप्ता ने जमकर फर्जीवाड़ा भी किया था | उसने फोन टेपिंग की अनुमति वाले कई  दस्तावेज “बैक डेट” में तैयार किए और प्रशासनिक अधिकारियों की सील मुहर भी कूट -रचना कर तैयार की की थी | बताया जाता है कि इस आरोपी ने  “पोस्ट एंड टेलीग्राफ” एक्ट का खुलकर ना केवल दुरूपयोग किया बल्कि अपनी स्वार्थसिद्धि और निजी उपयोग के लिए अवैध फोन टेपिंग की थी | EOW की टीम उस “इंटरसेप्टर” मशीन की खोजबीन में भी जुटी है ,जो आरोपी मुकेश गुप्ता के कार्यकाल में चोरी छिपे चीन से आयात की गई थी | चर्चा थी कि आरोपी मुकेश गुप्ता और उसके गिरोह ने “मेड इन चाइना” वाली एक “इंटरसेप्टर” मशीन पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में किसी गुप्त ठिकाने पर स्थापित की थी | इसके जरिए उसका गिरोह नेताओ ,पत्रकारों ,उद्द्योगपतियों और कई महत्वपूर्ण लोगो के फोन अवैध रूप से टेप किया करता था | छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी अवैध फोन टेपिंग को लेकर तत्कालीन कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला था | यह चर्चा भी आम है कि अवैध फोन टेपिंग के प्रशिक्षण के लिए हवलदार रेखा नायर को चोरी छिपे और बगैर किसी वैधानिक अनुमति के इजराइल भेजा गया था | EOW और पुलिस की टीम इस “प्राइवेट इंटरसेप्टर” मशीन की खोजबीन और जप्ती के लिए जोरशोर से जुटी हुई है |  EOW की टीम कई साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मुकेश गुप्ता से पूछताछ करेगी | इस पूछताछ के बाद “नान घोटाले” के मामले में पूछताछ होगी | दोनों ही मामलो में प्राप्त सबूतों के साथ “प्रश्नावली” जांच अधिकारियों के पास उपलब्ध है | उन्हें सिर्फ इस “कुख्यात” आरोपी का इंतजार है | 

एक जानकारी के मुताबिक रेखा नायर और मुकेश गुप्ता के विदेश भ्रमण के बारे में सरकारी एजेंसियों से मदद मांगी गई है | ख़ुफ़िया एजेंसियों को संदेह है कि आरोपी मुकेश गुप्ता और उसके करीबियों की रूस और चीन की नियमित आवाजाही किसी खास प्रयोजन के लिए थी | यह भी पता चला है कि छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सली संगठनों को विदेशी हथियार और विस्फोटक सामग्री राज्य के ही किसी संगठित गिरोह से प्राप्त होती थी | गौरतलब है कि आरोपी मुकेश गुप्ता की कार्यप्रणाली के चलते उसके कार्यकाल में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और उसकी सरहद पर जमकर हिंसक घटनाओ को अंजाम दिया था | इस दौरान लैंडमाईन विस्फोट के लिए  उपयोग में आने वाले “अमोनियम नाइट्रेड”  की प्रदेश में जमकर खपत हुई थी | इस विस्फोटक सामग्री का कारोबार आरोपी मुकेश गुप्ता के करीबी लोग करते है | बताया जाता है कि मुकेश गुप्ता के निलंबन के बाद राज्य में ना केवल नक्सली घटनाओ में कमी आई है ,बल्कि विस्फोटक सामग्री “अमोनियम नाइट्रेड” का आयात और उसकी खपत में भी जबरदस्त गिरावट आई है | यह बेहद  गंभीर मामला इसलिए है, क्योंकि मुकेश गुप्ता और उसके गिरोह ने करोडो की बेनामी संपत्ति  अर्जित की है | विवेचना के दौरान ना तो रेखा नायर और ना ही मुकेश गुप्ता अपनी आय  के श्रोतो की वैधानिक जानकारी जांच अधिकारियों को दे पाए है |       

दिल्ली से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी मुकेश गुप्ता अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलो के निपटारे के लिए “दलालो” के संपर्क में है | इसके लिए वो मुँह मांगी रकम भी देने को तैयार है | बड़े राजनैतिक दलों के दिग्गज नेताओ से सांठगाठ रखने वाले कई दलाल इन दिनों आरोपी मुकेश गुप्ता के मामले के निपटारे के लिए सक्रिय हो गए है | इसके लिए कुछ मीडिया कर्मियों को भी “उपकृत” किए जाने की खबर है | बताया जा रहा है कि सुपेला थाने में उसके खिलाफ दर्ज “चार सौ बीसी” के प्रकरण में अपनी गिरफ्तारी से बचने  के लिए वो दुर्ग जिले में तैनात कई अफसरों पर अनुचित दबाव भी डाल रहा है | फ़िलहाल “शुक्रवार” का दिन आरोपी मुकेश गुप्ता और उसे धर दबोचने के लिए तैयार दुर्ग पुलिस के लिए काफी महत्वपूर्ण है | यह देखना गौरतलब होगा कि EOW में यह कुख्यात आरोपी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा या फिर किसी नए बहाने का “आवेदन पत्र” सौप कर कन्नी कांट लेगा |                         

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