गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। जिले का खनिज विभाग रेत तस्करी पर लगाम कसने में नाकाम साबित हो रहा है । शहरी क्षेत्र की खदानों से ही प्रतिदिन हजारों क्यूबिक मीटर रेत का अवैध उत्खनन और तस्करी हो रही है । कटघोरा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में तो खनिज विभाग की पहुंच ही कठिन है या फिर यह पूरा गोरखधंधा ही विभाग की सरपस्ती में चल रहा है । एन.जी.टी.(राष्ट्रीय हरित अभिकरण) ने नदी-नालों और रेत घाटों से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है । लेकिन कोरबा जिले में एन.जी.टी.का आदेश निष्प्रभावी होकर रह गया है । 15 जून से लेकर अब तक जिले में निर्वाध गति से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है । अब तक लाखों क्यूबिक मीटर रेत का अवैध उत्खनन किया जा चुका है और यह सिलसिला अभी भी जारी है ।
खास कोरबा शहर के गेरखाघाट रेत खदान से प्रतिदिन पचास हाईवा से अधिक रेत निकाला जा रहा है । मोती सागर पारा रेत घाट से भी ट्रेक्टर के जरिये रेत की तस्करी की जा रही है । सर्वाधिक चिन्ता का विषय दुरपा रोड के रास्ते सर्वमंगला रेल्वे ब्रिज के पास किया जा रहा अवैध उत्खनन है । पुल के पायों के आस-पास से प्रतिदिन पचास ट्रेक्टर से अधिक रेत निकाला जा रहा है । रेल्वे ने पूर्व में उत्खनन करने वालों को रोका भी था, लेकिन रेत तस्करों पर अब तक कोई असर नहीं हुआ है। पायों के करीब से रेत निकलने से पुल के पाये कमजोर हो रहे हैं और उसके टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है । इसी तरह ढेंगुरनाला बालको और हाथी नाला रजगामार क्षेत्र से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इन दोनों स्थानों से अवैध रूप से निकाले जा रहे रेत की आपूर्तिर् औद्योगिक प्रक्षेत्र रजगामार रोड में की जा रही है । यही नहीं जिले के कटघोरा सहित ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में विफल साबित हो रहा है।
