
देवभूमि केदारनाथ की दुर्गम पहाड़ियों में क्रैश हुए हेलीकॉप्टर को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने में भारतीय वायु सेना के MI 17 हेलीकॉप्टर ने अपना जोहर दिखाया है | इसके साथ ही लोग कहने लगे है कि MI 17 ख़राब मौसम और विपरीत परिस्तिथियों में भी बड़ा ही कारगर है | MI 17 ने अपनी बेजोड़ ताकत का नमूना उस समय पेश किया जब केदारनाथ में एक रेस्क्यू टीम ने हालात को देखते हुए अपने घुटने टेक दिए थे | दरअसल निजी क्षेत्र का यह हेलीकॉप्टर चौतरफा खड़ी पहाड़ियों और उससे सटी एक ऐसी खाई के करीब दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जहाँ से उसे सुरक्षित निकाल पाना तो दूर उस इलाके में दाखिल तक हो पाना किसी अजूबे से कम ना था | ऐसे स्थान पर MI 17 पर सवार वायु वीरो ने अपनी सूझ बुझ और ताकत का वो प्रदर्शन किया जिसे देख कर लोगो ने दांतो तले उँगलियाँ दबा ली | दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर MI 17 में बंधी चेन पर आसमान पर हिलोरे मार रहा था | यह नजारा बेहद रोमांचित करने वाला था | चेन में बंधे दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को MI 17 हेलीकॉप्टर के निचले हिस्से की प्लेट पर कसा गया था |
केदारनाथ की दुर्गम पहाड़ियों से उड़ान भरने के बाद MI 17 हेलीकॉप्टर ने जब मैदानी इलाको की ओर रुख किया तो आसमान की ओर काफी देर तक लोग टक टकी लगाए इस अजूबे को देखते रहे | उन्हें कतई उम्मीद नहीं थी कि MI 17 हेलीकॉप्टर पर किसी दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को भी रस्सी से लाद कर लाया – ले जाय सकता है | आमतौर पर ऐसा नजारा फिल्मो या युद्ध के मैदानों में ही देखने को मिलता है | लिहाजा इस दृश्य को जिसने भी देखा, उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी | जोरदार आवाज के साथ आसमान को चीरते हुए MI 17 हेलीकॉप्टर ने ऐसा जोहर दिखाया कि लोग उसकी बेजोड़ ताकत को हमेशा याद रखेंगे |

बताया जाता है कि यूटी एयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का यह हेलीकॉप्टर ख़राब मौसम के चलते कुछ दिन पहले 11,500 फुट की ऊंचाई पर पवित्र मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित केदारनाथ हेलीपैड के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केदारनाथ तक केवल फुट-ट्रैक कनेक्टिविटी के कारण मलबे को निचले क्षेत्र में पहुंचाना आसान नहीं था। विमानन कंपनी ने इस महीने के अंत में मंदिर के कपाट बंद होने से पहले अपने इस दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को हटाने के लिये उत्तराखंड नागरिक प्रशासन के जरिये वायुसेना से सहायता मांगी थी। शनिवार को वायुसेना के MI 17 हेलीकॉप्टर और क्रू मेंबर्स ने यह चुनौतीपूर्ण काम शुरू किया था । करीब दो घंटे तक चले इस ऑपरेशन ने यह अनूठी कामयाबी हासिल की है |