राजनादगांव \ मनोज सिंह चंदेल \
राजनांदगांव जिले में जिन शिक्षकों ने बीमारी का बहाना बनाकर नहीं दी ज्वाइनिंग उन्हें अब पेश करना होगा मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट । अब इस आदेश का बाद शिक्षकों के होश फाख्ता हो गए हैं। राजनांदगांव कलेक्टर के एक आदेश ने बहानेबाज शिक्षकों के होश उड़ा दिये हैं। स्कूलों में ज्वाइनिंग के बजाय मेडिकल लगाकर ड्यूटी नदारद शिक्षकों को अब हेल्थ सर्टिफिकेट के आधार पर ही ज्वाइनिंग मिलेगी। इस आशय का आदेश कलेक्टर जेपी मौर्य ने जारी किया है और राजनांदगांव के CMHO को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि जो कोई शिक्षक मेडिकल बनाने के लिए पहुंचे, उनका सर्टिंफिकेट मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर बनाया जाये।
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कलेक्टर मौर्य के इस निर्देश से बीमारी का बहाना बनाकर ड्यूटी से बचने वाले शिक्षकों में हड़कंप मचा दिया है। दरअसल जिले में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कलेक्टर ने जिले के सुदूर इलाके मोहला, मानपुर व छुईखदान विकासखंड के प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में कुछ शिक्षकों की तैनाती थी। ये वो स्कूल थे, जहां सरप्लस शिक्षक थे | उन शिक्षकों को सुदूर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पदस्थ किया गया था। कलेक्टर के निर्देश पर बहाना बनाते हुए डिप्युटेशन पर भेजे गये शिक्षकों ने ज्वाइनिंग के बजाय मेडिकल ग्राउंड पर छुट्टी का आवेदन लगा दिया। शिक्षकों के ज्वाइन नहीं करने की वजह से 8 नवंबर को कलेक्टर ने डिप्युटेशन के आदेश को शून्य घोषित कर दिया। इधर कलेक्टर का डिप्युटेशन आदेश निरस्त करने का आदेश जारी करना था, कि उधर शिक्षकों ने धड़ाध़ड़ मूल शाला में लौटना शुरू कर दिया। शिक्षक जिन-जिन बीमारी का बहाना देकर ज्वाइनिंग से दूर रहे, वो मेडिकल सर्टिंफिकेट बनाकर मूल शाला में ज्वाइनिंग की जुगत में भिड़ गये।
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