करोडो की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार |

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अंबिकापुर में करोडो की ठगी करने वाले दो आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है |  दरसपल युवकों ने SECL की तरफ से एक बुजुर्ग को दिये जाने वाले 1 करोड़ 85 लाख रुपये की मुआवजा राशि को हड़प लिया था । गौरतलब है SECL ने भूमि अधिग्रहण करने के लिए ग्राम जगन्नाथपुर के 56 ग्रामीणों का मुआवजा प्रकरण तैयार किया था । इसकी सूची में एक नाम कमल साय का भी था, जिसे मुआवजा के रुप में 1 करोड़ 85 लाख रुपया दिया जाना था । युवकों ने कमल साय के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर केनरा बैंक के खाते में निफ्टी के माध्यम से मुआवजा की राशि जमा करवा लिया । पैसा आने के बाद युवक जब बैंक पहुंचकर पैसा निकालने लगा तो मैनेजर को शक हुआ |  मैनेजर ने गांव में युवक व जमीन के संबंध में पूरी जानकारी ली, तो पूरा मामला फर्जी निकला । बैंक मैनेजर ने तत्काल इसकी सूचना एसपी को दी। एसपी के निर्देश पर दोनों युवकों को गिरफ्तार किया गया ।  एसपी सदानंद कुमार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि ग्राम जगन्नाथपुर में SECL द्वारा कोयला खदान खोला जाना है । इसके लिए ग्रामीणों के जमीन के अधिग्रहण करने की कारवाई की जा रही है । उन्होंने बताया SECL  ने 56 लोगों का लगभग 14 करोड 50 लाख का मुआवजा प्रकरण तैयार कर बिलासपुर भेजा था ।

आरोपी अरविंद बेक अपने मित्र कपिल बेक के साथ वर्ष 2017 में उसके मुआवजा प्रकरण के निराकरण हेतु साथ में बिलासपुर गया था । इसी दौरान उसने मुआवजा प्रकरण की सूची देखी थी । सूची में सबसे ज्यादा मुआवजा जग्नाथपुर के कमल साय का था । उन्होंने बताया कि गांधीनगर इलाके के पीजी कॉलेज के सामने स्थित केनरा बैंक के बैंक मैनेजर द्वारा एक खाते में करोड़ों रुपए की संदिग्ध लेन-देन की जानकारी पुलिस को दी । गांधीनगर पुलिस टीम ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सादे कपड़ों में केनरा बैंक के आस-पास जवानों को तैनात कर दिया गया, जैसे ही आरोपी पैसे निकालने बैंक पहुंचा पुलिस ने उसकी पहचान कर घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया ।

 पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी अरविन्द बेक और वाहिद हुसैन पहले भी कई अपराध कर चुके हैं । आरोपी अरविंद ने बताया कि कमल साय की मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए फर्जी आधार कार्ड अपने मित्र वाहिद हुसैन के साथ मिलकर फोटो साफ्टवेयर के माध्यम से बनाया | इसके बाद फर्जी आधार कार्ड में कमल साय की जगह आरोपी अरविंद बेक का फोटो लगा दिया गया । फर्जी आधार कार्ड के आधार पर उसने केनरा बैंक में कमल साय के नाम का बैंक एकाउंट भी खुलवाया । उसने बैंक में 2 हजार रुपए जमा कर एटीएम प्राप्त कर डेढ़ हजार रुपए निकाल भी लिए । फर्जी आधार कार्ड के आधार पर आरोपी  SECL  बिलासपुर गया, जहां उसने अधिवक्ता ओपी अग्रवाल से सम्पर्क किया । उसने स्वयं को कमल साय बताकर ट्रिब्यूनल कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष मुआवजा प्रकरण पेश किया तथा भुगतान हेतु केनरा बैंक का खाता नंबर दे दिया । इसके पश्चात 1 करोड 85 लाख में से 1 करोड़ 75 लाख 56 हजार 592 रुपए 13 मार्च को आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया ।