बिजनौर / उत्तर प्रदेश के बिजनौर में बैलगाड़ी सवार एक किसान को उस समय खराब स्थिति का सामना करना पड़ा जब पुलिस कर्मियों ने उसकी “बैलगाड़ी” का चालान काट दिया | एक हजार रूपये जुर्माना ठोकने के बाद पुलिस कर्मी चालानी रकम जमा कराने के लिए दबाव बनाने लगे | इससे पहले “वसूली” के लिए पुलिस कर्मियों ने पीड़ित किसान को धमकाया भी था | लेकिन जब वो पैसे देने के लिए तैयार नहीं हुआ तब पुलिस कर्मियों ने एक हजार रुपए का चालान ठोक दिया | पीड़ित किसान ने अपनी “बैलगाड़ी” खुद के खेत के किनारे ही खड़ा किया था | उस “राह” से गुजर रहे पुलिस कर्मियों की नजर जैसे ही “बैलगाड़ी” पर पड़ी वैसे ही उन्होंने “वसूली” का मन बना लिया | पीड़ित किसान ने घटना की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को दी | “बैलगाड़ी” के चालान की खबर सुनकर गांव में बवाल मच गया | आख़िरकर “सफाई” देते हुए आलाधिकारीयों ने चालान रद्द किया |
मोटर व्हीकल संशोधन अधिनियम पास होने के बाद लागू हुए यातायात के नए नियमो ने वाहन चालकों के मन में एक खौफ सा बैठा दिया है | यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है | आलम यह है कि कहीं हजारों में तो कहीं लाखों में चालान काटे जा रहे हैं | ऐसे में कई जगहों पर लोगों के अजीबोगरीब वजह से चालान कटने की खबरें सामने आ रही है | ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश के बिजनौर से सामने आया है | जहां पुलिसवालों ने एक बैलगाड़ी का ही चालान काट दिया |
दरअसल, रियाज हसन नाम का व्यक्ति “बैलगाड़ी” लेकर अपने खेतों पर गया था , और खेत के पास में ही बैलगाड़ी खड़ी कर दी थी | इस बीच इलाके में पेट्रोलिंग कर रही पुलिस टीम की नजर इस बैलगाड़ी पर पड़ी | उन्होंने देखा कि बैलगाड़ी के आस-पास कोई मौजूद नहीं है। ग्रामीणों से पूछने पर पता लगा कि बैलगाड़ी हसन की है। पुलिस बैलगाड़ी लेकर हसन के घर गई और अबीमाकृत वाहन को चलाने वाले मोटर व्हीकल ऐक्ट के सेक्शन 81 के तहत 1 हजार रुपये का चालान थमा दिया। थोड़ी देर तक तो बैलगाड़ी के मालिक के समझ में कुछ भी नहीं आया। मोटर व्हीकल ऐक्ट की धारा-81 में उन गाड़ियों के लिए प्रावधान है, जो बिना बीमा कराए ही सड़कों पर वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं। वैसे तो नए मोटर व्हीकल एक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है, फिर भी बिजनौर जिले के साहसपुर में एक बैलगाड़ी वाले का चालान कर दिया गया | हालांकि बाद में पुलिस वालों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने इस चालान को कैंसिल कर दिया |
आईपीसी के बजाय पुलिस ने मोटर व्हीकल ऐक्ट की लगाई धारा :
साहसपुर पुलिस थाने के प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम इलाके में पट्रोलिंग कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर गांव वाले बैलगाड़ी के जरिए खनन की रेत ले जाते हैं। पुलिस टीम को लगा कि हसन की गाड़ी का भी इस मकसद से इस्तेमाल हुआ होगा। टीम मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत काटे जाने वाले चालान और दूसरे अपराधों में अंतर नहीं कर पाई और आईपीसी की धारा के बजाय मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत चालान काट दिया।