उपेंद्र डनसेना |
रायगढ़ | खरसिया विधानसभा क्षेत्र स्थित ग्राम दर्रामुडा के सैकड़ो ग्रामीण आज अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने वहां संचालित एसकेएस पावर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई । कंपनी प्रबंधन ने प्लांट लगाने से पहले क्षेत्र के विकास के साथ-साथ बेरोजगारों को रोजगार देने के वादे किए थे लेकिन इसके ठीक विपरीत कंपनी ठेका श्रमिकों के माध्यम से अपने काम संचालित कर रही है । इतना ही नही स्थानीय लोगों की उपेक्षा लगातार हो रही है ।
पीडि़त ग्रामीणों का कहना था कि एसकेएस प्रबंधन द्वारा लोकल ग्रामीण श्रमिक एवं ठेका श्रमिकों को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है । नए-नए हथकंडे अपनाते हुए जबरन परेशान किया जा रहा है । यही नही बाहर से असामाजिक तत्वों का भी सहयोग कंपनी प्रबंधन लेकर ग्रामीणों को डरा धमका रही है । इनका यह आरोप है कि क्षेत्र में बेरोजगारों को रोजगार तथा उनकी मांगों पर प्रबंधन ध्यान दे लेकिन बार-बार प्रबंधन उनकी मांगों को दरकिनार करते आ रहा है । उनकी मांग है कि प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप करे और उनके साथ न्याय हो ।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वर्तमान में एसकेएस पावर प्लांट की रेलवे बिछाने हेतु गांव दर्रामुडा से होकर भगोराडीह, कुम्हारडीपा, झिटीपाली, जबलपुर होकर छाल मुख्य मार्ग जाने हेतु सुलभ रास्ता है । जिसे बिना ग्राम पंचायत ग्रामीणों के सहमति के बिना बाहरी असमाजिक तत्वों की मदद धमकी देकर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है । ग्रामीणों के द्वारा मना करने पर उनके साथ गाली गलौज एवं जान से मारने की धमकी दी जाती है ।
इससे पूर्व भी कई बार कंपनी के छोटे कर्मचारी श्रमिक एवं ग्रामवासियों द्वारा अपनी समस्या को लेकर कंपनी प्रबंधन से बातचीत व आपसी समझौते कर हमेशा आपसी सहमति बनाकर कंपनी द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार कार्य करते रहे हैं । किंतु कंपनी द्वारा जिला प्रशासन की उपस्थिति में गत 16 मई को समझौते का भी आज तक पालन नही किया गया और न ही 26 दिसंबर 18 को आपसी बैठक में हुए निर्णयों का पालन किया जा रहा है । बल्कि इसके विपरीत स्थानीय ग्रामीण कर्मचारियों, श्रमिको को लगातार प्रताडि़त कर अपमानित किया जा रहा है ।
वहीं इस संबंध में सहायक कलेक्टर दीपक कुमार निंकुज ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा लिखित शिकायत एसकेएस पावर कंपनी के खिलाफ की गई है और इस पर संज्ञान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।