इन्वेस्टमेंट के नाम पर दुगनी रकम लौटाने का वादा कर डकारे करोड़ों ,श्योर मार्ट का डायरेक्टर फरार | एक गिरफ्तार , दो की तलाश जारी |

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इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगो से करोडो रुपए डकारने के बाद चिटफंड कंपनियों के फरार होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है |  इन्वेस्टमेंट के नाम पर दुगनी रकम लौटाने का वादा करने वाली कंपनी श्योर मार्ट छत्तीसगढ़ की मासूम जनता को करीब 85 करोड़ की चपत लगाकर नौ दो ग्यारह हो गई है ।  पुलिस ने  डायरेक्टर राजेश मिश्रा, दीनदयाल सोनी और प्रफुल्ल कुमार चौधरी के खिलाफ केस दर्ज किया है | जिसके बाद  पुलिस ने मंगलवार को प्रफुल्ल कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है  | उनसे पूछताछ  में छत्तीसगढ़ में स्योर मार्ट के 9 ब्रांच होने की जानकारी मिली है |  पुलिस ने बताया कि  अब तक कंपनी के खिलाफ 50 से अधिक की शिकायत आ चुकी है |  कंपनी ने कर्मचारियों को भी वेतन का भुगतान नहीं किया है |  


  पुलिस ने न्यू राजेंद्र नगर रिंग रोड स्थित श्योर मार्ट के दफ्तर को सील किया है । कंपनी के डायरेक्टर राजेश मिश्रा की तलाश जारी है । राजेश मिश्रा के खम्हारडीह स्थित आलीशान बंगले में पिछले 3 अप्रैल से ताला लटका हुआ है । उसके विदेश भाग जाने की आशंका जताई जा रही है । बता दें कि श्योर मार्ट एक नेटवर्किंग कंपनी है, जो कि लोगों को ग्राहकों की लंबी चैन बनाने के लिए कमीशन का लालच देती है । श्योर मार्ट का मेन ऑफिस आनंद नगर में बना है ।   तीन आरोपी मिलकर चिटफंड कंपनी का संचालन कर रहे थे |  आरोपियों ने पहले स्योर हेल्थ नाम से कंपनी चला रहे थे |  बाद में कंपनी का नाम बदलकर स्योर मार्ट रखा था | पुलिस ने राजधानी रायपुर के राजेंद्र नगर के एक ऑफिस में तो आज कार्रवाई की है लेकिन धमतरी के साथ ही राजधानी में स्थित बाकी की जगहों पर पुलिस ने अभी तक छापा नहीं मारा है । 


दो प्रतिशत तक का हिस्सा देने का वादा

जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने ग्राहकों को प्रतिदिन लाभ में से दो प्रतिशत तक का हिस्सा देने का वादा कर ठगी की है | ऑफर इतना लुभावना था कि लोगों ने एक लाख से लेकर 4 करोड़ तक कंपनी में लगा दिए । नवंबर 2018 के पहले सप्ताह तक लोगों के खाते में किश्तों में थोड़ी-थोड़ी रकम आती रही, फिर अचानक आना बंद हो गई । इसके बाद न सिर्फ राजधानी रायपुर बल्कि छत्तीसगढ़ के दूरदराज क्षेत्रों के पीड़ित लोगों ने कंपनी के दफ्तर में धावा बोलना शुरु किया । कंपनी के डायरेक्टर राजेश मिश्रा से लेकर चेयरमेन डी.डी. सोनी, मैनेजर प्रफुल्ल चौधरी एवं टीम लीडर अभय कुंडले प्रभावित लोगों को आश्वासन देते रहे थे कि जल्द खाते में पैसे आने शुरु हो जाएंगे । इस तरह देखते देखते पांच महीने बीत गए । कंपनी में 16 लाख रुपये जमा कराने वाले देवेन्द्र नगर के सुरेन्द्र प्रीतवानी ने हारकर न्यू राजेन्द्र नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई । तत्काल हरकत में आते हुए पुलिस ने मैनेजर प्रफुल्ल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि डायरेक्टर राजेश मिश्रा परिवार समेत भागने में सफल रहा । पुलिस ने कंपनी के दफ्तर को सील कर दिया है । दफ्तर से जब्त कम्प्यूटर एवं दस्तावेजों की सूक्ष्म पड़ताल की जा रही है । 

राजेश मिश्रा ने अलग-अलग बैंकों में 25 एकाउंट खुलवा रखे थे। किसी एक एकाउंट में 5 हजार होना बताया जा रहा है, शेष खाते में जीरो बैलेंस होने की बात कही जा रही है | श्योर मार्ट के कर्ता-धर्ता राजेश मिश्रा ने पिछले साल कंपनी का दफ्तर आनंद नगर से हटाकर न्यू राजेंद्र नगर स्थित अशोका मिलेनियम में फर्स्ट एवं सेकेंड फ्लोर में शिफ्ट कर दिया था । फरारी से पहले राजेश मिश्रा दो महीने का दफ्तर का करीब छह लाख रुपये किराया नहीं चुकाया । श्योर मार्ट के चेयरमेन डी.डी. सोनी का आनंद नगर में गुरुव्दारे के पीछे मकान नंबर 142 में रहना होता है । श्योर मार्ट के खिलाफ पुलिस कार्रवाई होने के बाद से सोनी के बंगले में सन्नाटा छाया हुआ है । बंगले में कॉल बेल करने के बाद भी अंदर से किसी तरह का रिस्पांस नहीं मिलने की शिकायतें पीड़ित लोगों ने की है ।