इंसानो और हाथियों के बीच छिड़ी जंग, दर्जनभर से ज्यादा मकानों को हाथियों ने किया क्षतिग्रस्त |

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उपेंद्र डनसेना [Edited By : शशिकांत साहू]

रायगढ़ | छत्तीसगढ़ में इंसानो और हाथियों के बीच जंग छिड़ गयी है । हाथी ग्रामीणो को उनके गांव से खदेड़ना चाहते है । वही दूसरी ओर इंसान हाथियों को जंगल से । इस  जंग में किसका पल्ला भारी रहेगा ये तो वक्त ही बताएगा । लेकिन जमीन  को लेकर छिड़ी जंग में कभी इंसान तो  कभी हाथियों को अपनी गवानी पड़ रही है । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ इलाके के सैकड़ो गांव में लोगो की जान पर बन आयी है । वन विभाग , पुलिस और प्रशासन  की टीम गांव के करीब घुसे हाथियों को खदेड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है । उधर हाथी भी टस से मस नही हो रहे है । वो दो कदम पीछे और चार कदम आगे बढ़ कर ग्रामीणो को हमले की तैयारी में है ।  इन हाथियों को खदेड़ने के लिए देशी फाटकों , आंसू गैस के गोलों , सायरन और शोरगुल का इस्तेमाल होता है । ताकि हाथी लोगो की चीख पुकार सुनकर वापस जनागल की ओर चले जाए । कुछ देर के लिए हाथी जरुरु जंगल का रुख कर लेते है । लेकिन मौका पाते है फिर टूट पड़ते है इन गांव वालो पर । 

बताया जाता है कि छाल वन परिक्षेत्र के चुहकीमार गांव में कल रात जंगल से निकल कर एक हाथी पहुंच गया और यहां खाने की तालाश में लोगों के घरों तक पहुंच रहा था । यहां करीब उसने नौ मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया । हाथी की मौजूदगी की जानकारी जब हाथी मित्र दल को हुई, तो वे मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथी को गांव से बाहर निकालने के लिए काफी हल्ला करने लगे । काफी देर की मशक्कत के बाद हाथी गांव से निकल कर जंगल की ओर चला गया । हाथी मित्र दल के सदस्य ने बताया कि यह वही हाथी है, जो पिछले दिनों ग्रामीणों को मार दिया था और यह काफी गुस्सेल है । फिलहाल हाथी पर निगरानी की जा रही है । ग्रामीणो के मुताबिक कभी दाने पानी की तलाश में तो कभी हरी भरी फसलो  को रौंधने के लिए हाथियों का दल का दल गांव पर हमला कर देता है । इस दौरान उनकी राह में रोड़ा बने ग्रामीणो को हाथी अपने पैरो तले कुचल देते है । इन हाथो पर हमला करना  आसान नही होता । लिहाजा मौका पाते ही घर बार छोड़ कर ये ग्रामीण अपनी जान बचाते है ।  इस इलाके में लोग सब्जी भाजी के अलावा चावल , मक्का और दाल तिलहन , गन्ना उपजाते है । यही वो खाद्य पदार्थ है जिस पर हाथियों की नजरे लगी रहती है । फसलो के पकने की खुशबु जंगल में फैलते ही हाथियों का झुण्ड गांव की ओर रुख कर लेता है । फिर छिड़  जाती है हाथियों और इंसानो के बीच खुनी जंग । सरकार का दावा है कि वो हालात पर नजर रखे हुए है  और हाथियों को काबू में करने की कोशिशे की जा रही है । 

 छत्तीसगढ़ के आधा दर्जन जिलो में हाथियों और इंसानो के बीच खुली जंग छिड़ गयी है । जल , जंगल और जमीन  को लेकर इंसानी अाबादी और हाथियों के  झुण्ड आमने सामने है । दोनों के बीच अस्तित्व की लड़ाई को लेकर तनातनी चल  रही है । हाथी जंगल में जाने को तैयार नहीं है और इंसानी आबादी जंगल में बसे गांव से बाहर निकल कर शहर में आने को । नतीजतन ये जंगल जंग के मैदान में तब्दील हो चुके है ।