रेखा नायर और मुकेश गुप्ता के आपसी संबधो की जांच जनहित में जरुरी |
गोपनीय फंड का लाखो रुपए रेखा नायर के बैंक एकाउंट में |
रायपुर | छत्तीसगढ़ कैडर का कुख्यात डीजी और कई गंभीर मामलो का आरोपी मुकेश गुप्ता आखिरकर EOW के अधिकारियों के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा | लेकिन पूछताछ करने वाले अफसरों ने उसके प्रति कोई नरमी नहीं बरती | आरोपी मुकेश गुप्ता से करीब छह घंटे तक लंबी पूछताछ हुई | मामला “नान घोटाला” और “अवैध फोन टेपिंग ” के मामले से जुड़ा था | EOW के अफसरों ने मुकेश गुप्ता के उन तमाम गंभीर मामलों पर बयान दर्ज किए जो भ्रष्टाचार और कई गंभीर अपराधों से जुड़े थे | जांच के दौरान EOW को कई सनसनीखेज सबूत मिले थे , जिनके आधार पर आरोपी मुकेश गुप्ता से सवाल जवाब किए गए थे | बताया जाता है कि ज्यादातर सवालों के जवाब में आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपने मातहत तत्कालीन पुलिस अधिक्षक रजनेश सिंह को फंसाने कोशिश की | अपने बयानों में उसने EOW के तत्कालीन पुलिस अधिक्षक रजनेश सिंह पर ” नान घोटाले ” और “अवैध फोन टेपिंग ” के तमाम आरोपों को मढ़ दिया , ताकि वो खुद पाक साफ बच निकले | यही नहीं इस कुख्यात आरोपी ने अपनी खासम -ख़ास रेखा नायर को बचाने की भरपूर कोशिश की | लेकिन EOW के अधिकारियों ने सबूतों के आधार पर आरोपी मुकेश गुप्ता की बोलती बंद कर दिया |
आरोपी रेखा नायर को हर माह लाखो रुपए का इनाम एसएस फंड से
EOW की हवलदार रेखा नायर को बैगैर किसी उल्लेखनीय कार्यों के बावजूद बतौर एडीजी EOW , मुकेश गुप्ता ने हर माह लाखो रुपए स्वीकृत किए | उन इनामो की रकम को रेखा नायर ने बाकायदा अपने आयकर रिटर्न में भी दर्ज कराया था | जबकि नियमानुसार एसएस फंड की रकम से किसी को भी ” इनामी राशि ” स्वीकृत नहीं की जा सकती | एसएस फंड का उपयोग गोपनीय गतिविधियों के बारे में सूचना एकत्रित करने के लिए मुखबिरों को दी जाती है | लेकिन अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आरोपी मुकेश गुप्ता ने हर माह रेखा नायर को इस फंड से लाखो की रकम दी | वो भी बाकायदा सरकारी पत्र लिखकर ,इन पत्रों की प्रतिलिपि ना तो गृह विभाग को प्रेषित की गई और ना ही डीजीपी को | आरोपी मुकेश गुप्ता ने अपनी खासम -ख़ास रेखा नायर को महीने में लगभग आधा दर्जन बार 20-20 हजार रुपए ” इनामी राशि ” के रूप में स्वीकृत किए थे | इस रकम को रेखा नायर ने अपने आयकर रिटर्न में भी दर्शाया है | दिलचस्प बात यह है कि इनामी राशि स्वीकृत किए जाने का यह पत्र सिर्फ आरोपी मुकेश गुप्ता और आरोपी रेखा नायर के बीच ही गोता लगाते रहा | इसकी कानो-कान खबर ना तो राज्य के गृह मंत्रालय को दी गई और ना ही पुलिस महकमे के मुखिया को | इस गंभीर मामले से साफ़ जाहिर होता है कि राज्य में तत्कालीन बीजेपी सरकार के कार्यकाल में एसएस फंड की रकम का जमकर दुरूपयोग हुआ था |
आरोपी मुकेश गुप्ता का मोबाईल फोन ,गाडी और वकील सब कुछ बाहर
EOW मुख्यालय में आमद दर्ज कराने के बाद पहले तो आरोपी मुकेश गुप्ता के निजी वाहन को मुख्य गेट से बाहर ही पार्क कराया गया था | पूछताछ कक्ष में दाखिल होने के बाद उसके दो नग मोबाइल फोन को भी जांच अधिकारियों ने कमरे से बाहर रखवा दिया | यही नहीं पूछताछ के दौरान आरोपी के वकील को भी कक्ष से बाहर स्थान दिया गया था | पूछताछ के दौरान EOW के अफसरों पर आरोपी मुकेश गुप्ता ने जमकर दबाव बनाने की कोशिश की ,लेकिन अफसरों ने उसे जरा भी तवज्जो नहीं दी | नतीजतन इस कुख्यात आरोपी से कड़ाई से पूछताछ हुई | ज्यादातर सवालों के जवाब देने से वो बचता रहा | यह भी बताया जा रहा है कि कई गंभीर सवालों के जवाब देने के बजाए वो जांच अधिकारियो के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा | ताकि रजनेश सिंह और डीएसपी आर के दुबे को फंसाया जा सके | अपनी काली करतूतों का दोष इस कुख्यात आरोपी ने इन दोनों ही अफसरों के सर मढ़ दिया है | हालांकि सबूतों के आधार पर मुकेश गुप्ता अपने बयानों में ही उलझता चला गया | फ़िलहाल सभी प्रकरणों पर आरोपी मुकेश गुप्ता के अभी प्राथमिक बयान ही दर्ज हुए है | EOW जल्द ही उसे दुबारा तलब करेगी | यही नहीं यह भी जानकारी मिली है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के बयानों का प्रति परिक्षण तत्कालीन EOW के पुलिस अधिक्षक रजनेश सिंह और डीएसपी आरके दुबे के समक्ष भी होगा |
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े भ्रष्टाचार “नान घोटाले ” और अवैध ” फोन टेपिंग ” के मामले में आरोपी रेखा नायर की भूमिका बेहद संदिग्ध दिखाई दे रही है | बगैर किसी उल्लेखनीय कार्यो के एसएस फंड की रकम की अफरा तफरी में वो सीधे तौर पर शामिल है ,लिहाजा आरोपी मुकेश गुप्ता और आरोपी रेखा नायर के बीच रिश्तो की पड़ताल भी जनहित में बेहद जरुरी है , इसके पूर्व करोडो की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज रेखा नायर के कब्जे से हासिल हुए है | यह बेनामी संपत्ति आरोपी मुकेश गुप्ता की बताई जा रही है | लिहाजा छत्तीसगढ़ सरकार ही नहीं बल्कि भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय और ईडी को भी इस ओर गौर फरमाना चाहिए | छत्तीसगढ़ की जनता को उम्मीद है कि राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले पृथक से जांच के निर्देश देंगे |