मुंबई के BYL नायर अस्पताल की 26 वर्षीय गायनेकलॉजिस्ट, ने हॉस्टल के अपने कमरे में फंदा लगाकर ख़ुदकुशी कर ली | बताया जाता है कि अपने तीन सीनियर डॉक्टरों के हाथों हो रहे हरेसमेंट और जातिगत टिप्पणियों से तंग आकर वो उसे आरक्षण सिस्टम का ताना देते थे | जिससे परेशान होकर ख़ुदकुशी कर ली | बता दें कि आत्महत्या करने वाली मेडिकल छात्रा का नाम पायल तलवी था । जो भील मुस्लिम समुदाय से आती हैं, जो महाराष्ट्र में एक मुस्लिम आदिवासी समूह है । इसके वजह से सीनियर उसकी हंसी उड़ाते थे , नीचा दिखाते थे | पायल को हरैस करने वाली तीनों आरोपी डॉक्टर्स फिलहाल फरार हैं | पुलिस उनके खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है और जाँच में जुट गया है |
परिजनों का आरोप है कि पायल चूंकि अनुसूचित जनजाति की थी, आदिवासी थी, इसीलिए उसके सीनियर्स उसे निशाना बना रहे थे | परिजनों का कहना है कि 10 मई को उन्होंने पायल के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की थी | मगर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की | जिससे परेशान होकर उनकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।
डीन आर एन भरमाल का कहना है कि उन्हें पायल के परिवार की तरफ से इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली | उनके मुताबिक हमारे पास शिकायत दर्ज़ करने के लिए कई फोरम्स हैं | ऐंटी-रैगिंग यूनिट भी है, मैं खुद भी हमेशा उपलब्ध रहता हूं | मुझे दुख है कि पायल ने कहीं भी शिकायत नहीं की और किसी से संपर्क नहीं किया न ही संबंधित विभागों के प्रमुख ने निजी तौर पर मुझे कोई जानकारी दी | उन्हके मुताबिक अगर मुझे इस बारे में कुछ भी पता होता या पायल और उसके परिवार ने शिकायत की होती, तो जो हुआ वो नहीं होता | उन्होंने कहा कि हम जांच करवा रहे हैं |
मुंबई के अगरीपाड़ा के एसीपी दीपक कुंडल ने बताया कि मेडिकल छात्रा अस्पताल से घर लौटी थी और फिर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । पुलिस ने मामले में शामिल तीन आरोपित सीनियर महिला डॉक्टरों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट, एंटी रैगिंग एक्ट और आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है ।
मेडिकल छात्रा से रैगिंग करने वाली अस्पताल की 3 सीनियर महिला डॉक्टरों के नाम डॉ. हेमा आहुजा, डॉ. अंकिता खंडेलवाल और डॉ. भक्ति बताए जा रहे हैं । पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है ।
